नई दिल्ली: किसानों के लिए डिजिटल व्यवस्था को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र के प्रबंधन में तकनीक को बढ़ावा देने के लक्ष्य से कृषि मंत्रालय ने चार निजी संस्थानों के साथ करार किया है. इनमें बाबा रामदेव से जुड़ी संस्था पतंजलि जैव अनुसंधान संस्थान भी शामिल है. 


पतंजलि के अलावा जिन तीन अन्य कंपनियों और संस्थानों के साथ करार किया गया है उनमें बहुराष्ट्रीय कंपनी अमेजॉन वेब सर्विसेज, ईएसआरआई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एग्री बाजार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में इन संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ करार पर हस्ताक्षर किए गए. इन संस्थानों के साथ एक साल के लिए करार किया गया है और इसका मकसद किसान डेटाबेस का इस्तेमाल करके किसानों के लिए पायलट परियोजनाओं को शुरू करना है. 


पतंजलि जैव अनुसंधान संस्थान के साथ देश के तीन जिलों में कृषि प्रबंधन और किसान सेवा के क्षेत्र में काम करने के लिए समझौता किया गया है. इनमें उत्तराखंड का हरिद्वार, उत्तर प्रदेश का हमीरपुर और मध्य प्रदेश का मुरैना जिला शामिल है. वहीं कृषि बाजार और मूल्य श्रृंखला में डिजिटल सेवा और व्यवस्था तैयार करने के लिए अमेजॉन वेब सर्विसेज के साथ समझौता किया गया है. इस मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र को साथ लेकर ही आत्मनिर्भर और डिजिटल भारत का सपना साकार हो सकेगा. 


5 करोड़ किसानों का डेटाबेस तैयार
कृषि में डिजिटलीकरण के महत्व को देखते हुए कृषि मंत्रालय विभाग एकीकृत किसान डेटाबेस तैयार कर रहा है. इस डेटाबेस के जरिए अलग-अलग सेवाएं दी जा रही हैं ताकि कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल व्यवस्था ( Ecosystem) तैयार किया जा सके. इस डेटाबेस को देशभर के किसानों के भूमि रिकॉर्ड से जोड़ने की योजना है जिससे किसानों के लिए यूनिक किसान आईडी जारी की जा सके. अभी तक लगभग 5 करोड़ किसानों के विवरणों का डेटाबेस तैयार हो चुका है.


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