नई दिल्ली: सरकार के साथ कल चली तीन घंटे की बेनतीजा बातचीत के बाद किसानों ने आज फिर साफ किया कि तीनों कानून वापस किए जाएं. दिल्ली बॉर्डर पर किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक बार फिर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. किसानों का कहना है कि सरकार लंबी चर्चा करके टरकाने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही किसानों ने एक बार फिर दोहराया कि छोटी कमेटी नहीं बनेगी.


किसान नेता ने कहा- केंद्र से बातचीत के लिए किसानों की छोटी कमेटी नहीं बनेगी. हम सात या दस पेज का मसौदा सरकार को भेजेंगे, सरकार नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि क़ानून को रद्द करे. किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी कहा, ''अगर केंद्र ने जल्दी हमारी बात ना मानी तो किसान सख़्त कदम उठा सकते हैं. बगावत जैसी स्थिति उत्पन ना हो इसलिए सरकार किसानों की मांग जलद पूरी करें.''





कानून रद्द नहीं हुए तो दिल्ली को चारो तरफ से बंद कर देंगे
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ''केंद्र क़ानून निरस्त नहीं करता तो दिल्ली को चारों तरफ़ से बंद कर दिया जाएगा. मोदी की भाषा ही उनके अफ़सर और मंत्री बोल रहे हैं. क्या किसान अनपढ़ हैं ? क्या कृषि के फ़ायदा नुक़सान किसान नहीं जानता ? एक दिन का संसद का विशेष सत्र बुलाना पड़ेगा. वर्ना साल लगे या छः महीने लगे यह आंदोलन चलता रहेगा.''


बता दें कि कल सरकार ने किसानों के साथ बैठक में एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था. कमेटी का फैसला आने तक किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की गई थी. जिसे किसानों ने नकार दिया है. इसके बाद बुधवार को सरकार और किसानों के बीच एक दौर की और बातचीत होगी.


किसानों के समर्थन में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट की धमकी
किसानों के समर्थन में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा, ''किसान आंदोलन के चलते अगर कल शाम तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता या किसान अपना आंदोलन वापिस नहीं लेंगे तो आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के पूर्ण बंद के आवाहन का हमारी संस्थाएँ भी पूर्ण रूप से समर्थन करेंगी.'' बता दें कि अगर ट्रांसपोर्ट की हड़ताल होती है तो राजधानी दिल्ली में फल, सब्जी और दूध की किल्लत हो सकती है.