नई दिल्ली: महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दुहराया है कि केंद्र सरकार फसलों का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) उनकी उत्पादन लागत से डेढ़ गुना देगी. उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ यह सनुश्चित करने के लिये काम किया जा रहा है कि किसानों को घोषित एमएसपी उपलब्ध हो. पीएम मोदी ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर कहा कि किसान खेतों में पराली नहीं जलाएं. पीएम ने किसानों से अपील की कि यूरिया की खपत कम करें और खाने के तेल का आयात कम करने के लिये तिलहन उत्पादन बढ़ायें.

नई दिल्ली के कृषि उन्नति मेला को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ किसानों को मिले, इसके लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. एमएसपी के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी उसमें किसान और उसके परिवार के द्वारा दिए गए श्रम का मूल्य भी जोड़ा जायेगा.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि आय बढ़ाने के लिए किसान जो भी नए विकल्प अपना रहे हैं, उसके लिए उन्हें पैसे की कमी न आए. हमारा निरंतर प्रयास है कि किसानों को लोन लेने में परेशानी न हो.

उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के जरिए, हमारी सरकार खेत से लेकर बाजार तक, पूरी सप्लाई चेन को मजबूत कर रही है, आधुनिक एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है.''

मोदी ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि छोटे किसानों को कॉपरेटिव सोसायटियों से कर्ज लेने में दिक्कत आती है. इसके लिए देश की सारी प्राइमरी एग्रीकल्चर कॉपरेटिव सोसायटियों के कंप्यूटरीकरण का काम तेजी से किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने किसानों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ''आज देश में 11 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं. सॉइल हेल्थ कार्ड से मिल रही जानकारी के आधार पर, जो किसान खेती कर रहे हैं, उनकी पैदावार बढ़ने के साथ-साथ खाद पर खर्च भी कम हो रहा है.''

पीएम मोदी ने कहा, ''इस मेले के माध्यम से मुझे न्यू इंडिया के दो प्रहरियों से एक साथ, एक समय पर बात करने का अवसर मिल रहा है. एक प्रहरी हमारे किसान, हमारे अन्नदाता हैं जो देश का भरण पोषण कर रहे हैं दूसरे प्रहरी हमारे वैज्ञानिक बंधु हैं जो नई-नई तकनीक विकसित कर किसान का जीवन आसान कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा कि सोलर फार्मिंग अतिरिक्त आय का एक माध्यम है. ये खेती की वो तकनीक है जो ना सिर्फ सिंचाई की जरूरत को पूरा कर रही है बल्कि पर्यावरण की भी मदद कर रही है. खेत के किनारे पर सोलर पैनल से किसान पानी की पंपिंग के लिए जरूरी बिजली तो लेता ही है साथ में अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकता है.