विदेशी राजनयिकों के दल को कश्मीर ले जाएगी सरकार, कश्मीर में जमीनी स्थिति का लेंगे जायजा
पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने से जुड़े अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद किसी विदेशी शिष्टमंडल की यह दूसरी कश्मीर यात्रा होगी.
नई दिल्ली: खाड़ी समेत 15 से 20 देशों के राजदूतों का शिष्टमंडल जल्द जम्मू कश्मीर जाकर वहां सुरक्षा स्थिति की जानकारी ले सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे पी5 देशों के कुछ राजदूतों को भी इसमें शामिल करने का प्रयास है लेकिन उनकी पुष्टि का इंतजार है.
उपराज्यपाल और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे
अधिकारियों के मुताबिक, भारत में पदस्थ करीब 15 से 20 राजदूतों को इस सप्ताह के आखिर में कश्मीर घाटी ले जाया जाएगा, जहां उन्हें राज्य में फैले उग्रवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता के बारे में सुरक्षा एजेंसियां जानकारी देंगी. उन्होंने कहा कि उसी दिन उन्हें जम्मू ले जाया जाएगा जहां वे उपराज्यपाल जी सी मुर्मू और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और अगले दिन दिल्ली लौट आएंगे।
इससे पहले यूरोपीय संघ के सांसदों ने किया था घाटी का दौरा
बता दें कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने से जुड़े अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद किसी विदेशी शिष्टमंडल की यह दूसरी कश्मीर यात्रा होगी. इससे पहले यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के शिष्टमंडल को दिल्ली स्थित संस्था इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नॉन अलाइन्ड स्टडीज द्वारा केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर ले जाया गया था.
हालांकि सरकार ने शिष्टमंडल के दौरे से दूरी बना ली थी। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में कहा था कि यूरोपीय सांसद निजी दौरे पर गये थे.
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