नई दिल्लीः असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से घुसपैठियों को बाहर निकालने की केन्द्र की प्रतिबद्धता जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कहा कि देश की ‘इंच इंच जमीन से अवैध प्रवासियों या घुसपैठियों की पहचान’ कर उन्हें बाहर किया जाएगा. शाह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह बात कही. उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) की चर्चा करते हुए कहा कि यह असम समझौते का हिस्सा है. सपा सांसद जावेद अली के सवाल पर गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका (एनआरसी का) उल्लेख किया गया है. साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी जिस घोषणापत्र के आधार पर चुनकर आयी है, उसमें भी यह बात कही गयी है. अमित शाह ने कहा, ‘देश की इंच-इंच जमीन पर जो अवैध प्रवासी रहते हैं, हम उनकी पहचान करेंगे और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें निर्वासित करेंगे.’
शाह ने यह बात समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान के इस पूरक प्रश्न के जवाब में कही कि क्या जिस तरह से असम में एनआरसी को लागू किया जा रहा है, सरकार की योजना उसे देश के अन्य राज्यों में भी उसी तरह से लागू करने की है.
इससे पहले असम गण परिषद के वीरेन्द्र प्रसाद वैश्य के पूरक प्रश्न के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने कहा कि सरकार असम में एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करेगी कि एनआरसी की प्रक्रिया में भारत का कोई भी नागरिक नहीं छूटे और किसी अवैध प्रवासी को इसमें स्थान न मिल सके. नित्यानंद राय ने कहा कि एनआरसी को लागू करने में सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और सरकार के पास 25 लाख से ज्यादा ऐसे आवेदन मिले हैं जिनमें यह कहा गया कि कुछ भारतीयों को भारत का नागरिक नहीं माना गया है जबकि एनआरसी में कुछ ऐसे नागरिकों को भारतीय मान लिया गया है, जो बाहर से आये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इन आवेदनों पर विचार करने के लिए सरकार को थोड़ा समय दिया जाए. नित्यानंद राय ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, असम में एनआरसी को 31 जुलाई 2019 तक प्रकाशित किया जाना है.