मॉब लिंचिंग: केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा- भीड़ को हिंसा के गंभीर परिणाम भुगतने के बारे में बताएं
सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के निर्देशों का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि भीड़ हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाये जाने चाहिए.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए बुधवार को सभी राज्यों से कहा कि आम जनता को इस बारे में जागरुक किया जाए कि किसी भी तरह की भीड़ हिंसा के कानून के तहत गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के निर्देशों का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि भीड़ हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाये जाने चाहिए. जिस तरह की घटनाएं पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में घटी हैं.
सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को रेडियो, टीवी और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्मों और गृह विभाग के साथ राज्यों की पुलिस की अधिकृत वेबसाइटों पर इस बात का प्रचार करना चाहिए कि भीड़ द्वारा किसी भी तरह की हिंसा के कानून के तहत गंभीर परिणाम होंगे. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने राज्य सरकारों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है."
मंत्रालय ने अपने पहले के एक परामर्श में राज्यों से प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की नियुक्ति करने, सूचनाएं एकत्रित करने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन करने और सोशल मीडिया पर गहन निगरानी रखने को कहा था ताकि बच्चा चोरी या पशु तस्करी के संदेह में किसी पर हमला नहीं किया जाए.
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब भी पाया गया कि कोई पुलिस अधिकारी या जिला प्रशासन का अधिकारी भीड़ हिंसा और पीट-पीटकर हत्या के ऐसे किसी अपराध को रोकने, उसकी जांच करने और मुकदमा तेजी से चलाने के निर्देशों का पालन नहीं कर पाता तो इसे जानबूझकर लापरवाही और कदाचार का मामला समझा जाना चाहिए. ऐसे में संबंधित अफसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
परामर्श के अनुसार, ''देश के कुछ हिस्सों में विभिन्न तरह की अफवाहों और बच्चा चोरी, पशु तस्करी आदि की अपुष्ट खबरों के कारण भीड़ द्वारा भड़की हिंसा और लोगों की पीट-पीटकर हत्या के मामले चिंताजनक हैं. लोगों द्वारा कानून हाथ में लेने के इस तरह के मामले कानून के शासन के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ हैं.''
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केंद्र ने कहा, ''सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों और उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध किया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाए. मामले में की गयी कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द मंत्रालय को भेजी जा सकती है.''
गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक मंत्रिसमूह भी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी रूपरेखा बनाने पर विचार कर रहा है. सिंह ने संसद में कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाएगी.