Real Estate Experts On Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जाने वाले उपायों से रियल्टी एस्टेट से संबंधित प्रोजेक्ट्स में देरी की होने की आशंका है जो इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है.


दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक पार गया है, जिसके चलते केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण पैनल वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) की तीसरी स्टेज लागू की है.


प्रदूषण से निपटने के लिए लागू ग्रैप की तीसरी स्टेज में आवश्यक सरकारी प्रोजेक्ट्स, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण और ढहाने (डिमोलिशन) से संबंधित कार्यों पर पूरी तरह से रोक होती है.


रियल्टी विशेषत्रों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में निर्माण प्रतिबंध से परियोजनाओं में देरी होगी. आइये जानते हैं किसने क्या कहा.


ओमेक्स ग्रुप के एमडी मोहित गोयल


ओमेक्स ग्रुप के एमडी मोहित गोयल ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण से जूझ रहा है और बिगड़ती एयर क्वालिटी से निपटने के लिए सरकार ने कंस्ट्रक्शन पर बैन लगा दिया है. अगर हम पर्यावरण संरक्षण को देखें तो यह समय की मांग है, लेकिन रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए यह एक चुनौती होगी. 


उन्होंने कहा, ''महीने भर के लिए बैन की वजह से प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी में देरी होगी. हालांकि, हम उन गतिविधियों को जारी रखने का प्रयास करेंगे जो प्रदूषण बढ़ाने में योगदान नहीं करते हैं. इनमें उपकरणों की स्थापना, इंटिरियल वर्क और बहुत कुछ शामिल है. सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ये सब किया जाएगा, लेकिन हमें अधिक से अधिक कार्यों को पूरा करना सुनिश्चित करना होगा ताकि भारी बैकलॉग से बचा जा सके.''


रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा


रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि हवा की गिरती गुणवत्ता को संतुलित करने के लिए ऑथरिटी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर बैन लगा रहे हैं. यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर के लिए चुनौती पैदा कर सकता है. प्रोजेक्ट डिलीवरी की गति प्रभावित हो सकती है. 


साथ ही उन्होंने कहा, ''हमारा मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास बढ़ते प्रदूषण स्तर को संतुलित करने के लिए ये उपाय काफी महत्वपूर्ण हैं. हम निर्माण प्रक्रिया को जारी रखने के लिए सॉफ्ट एक्टिविटी को जारी रखेंगे, जो कि प्रदूषण में योगदान नहीं करती हैं. इन गतिविधियों से हमें मैनपावर को इंगेज रखने में भी मदद मिलेगी, जिससे काम की कमी के कारण उन्हें अपने घर वापस लौटने से रोका जा सकेगा. क्योंकि सामान्य स्थिति होने पर काम फिर से शुरू करने में मुश्किल आती है.''


एमआरजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक राजजथ गोयल


एमआरजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक राजजथ गोयल ने कहा, ''हम दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर करने की अहमियत को स्वीकार करते हैं. फिर भी जब प्रोजेक्ट शेड्यूल की बात आती है तो निर्माण गतिविधियों पर व्यापक रोक लगाने से अनपेक्षित परिणाम में काफी व्यवधान उत्पन्न होता है. औसतन, निर्माण पर एक महीने के प्रतिबंध से प्रोजेक्ट में कम से कम दो से तीन महीने की देरी होती है.
 
प्रदूषण में प्राथमिक कारण माने जाने वाले वाहनों के उत्सर्जन और सड़के के किनारे की धूल को नियंत्रित करने के उपायों को प्राथमिकता देकर ज्यादा सूक्ष्म दृष्टिकोण के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा, ''यह नजरिया स्वच्छ हवा की जरूरत और आवास परियोजनाओं के समय पर पूरा होने के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा, जिससे निर्माण फर्मों और संभावित घर मालिकों दोनों को लाभ होगा.''


काउंटी समूह के निदेशक अमित मोदी


काउंटी समूह के निदेशक अमित मोदी ने कहा, ''दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है और सरकार की ओर से निर्माण प्रतिबंध की घोषणा का उद्देश्य इस संकट पर अंकुश लगाना है. हालांकि, यह कदम पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी आवश्यक है, लेकिन यह रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है क्योंकि महीनेभर के प्रतिबंध के कारण चल रही परियोजनाओं में देरी होगी. फिर भी हम अपने कार्यों को पर्यावरण संरक्षण और सरकारी निर्देशों के अनुरूप जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इक्विपमेंट इंस्टॉलेशन, आंतरिक सौंदर्यीकरण और अन्य गैर-पर्यावरणीय रूप से हानिकारक कार्यों जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी. हमारा प्राथमिक उद्देश्य परियोजना में पर्याप्त देरी से निपटने के लिए दिशानिर्देशों के भीतर जितना हो सके, ज्यादा से ज्यादा कार्यों को पूरा करना है.''


360 रियलटर्स फ्रैंचाइज बिजनेस के नेशनल हेड अमित शर्मा


360 रियलटर्स फ्रैंचाइज बिजनेस के नेशनल हेड अमित शर्मा ने कहा, ''यह एक बेहद जरूरी कदम है, हालांकि यह क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों की गति को कमजोर कर देगा. एनसीआर में बाजार लंबे समय के बाद ठीक हो रहा है और इस तरह का कदम इस क्षेत्र की लंबी सेहत के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. एक विवेकपूर्ण विकल्प यह हो सकता था कि चीजों को मामले-दर-मामले के आधार पर देखा जाए. एक विवेकपूर्ण विकल्प यह हो सकता है कि चीजों को मामले-दर-मामले के आधार पर देखा जाए.''


क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौर्स ग्रुप के सीएमडी मनोज गौर


क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौर्स ग्रुप के सीएमडी मनोज गौर ने कहा, ''क्रेडाई (CREDAI) सलाह देता है कि उसके सभी सदस्य डेवलपर्स एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार निर्धारित उपायों का पालन करें, जिसमें पानी का छिड़काव और ग्रीन नेट कवरिंग का इस्तेमाल शामिल है. हमारा अनुमान है कि डेवलपर्स ग्रैप अवधि के दौरान विभिन्न सरकारी एजेंसियों की ओर से जारी निर्देशों का पालन करेंगे. यह ध्यान देने योग्य है कि वाहन प्रदूषण और सड़क की धूल प्रदूषण के प्राथमिक स्रोत हैं जिनके लिए प्रभावी प्रबंधन और नियंत्रण की जरूरत है.''


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