नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में उनके निवास पर मुलाक़ात की है. सीएम शिवराज सिंह ने प्रदेश में चल रहे विकास परियोजनाओं को लेकर नितिन गडकरी से काफी देर तक चर्चा की. इस दौरान सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे. मुलाक़ात के दौरान चंबल एक्सप्रेस वे यानी अब अटल एक्सप्रेस समेत तीन प्रमुख मुद्दों पर बात हुई. चंबल एक्सप्रेस वे का नाम मध्य प्रदेश सरकार ने अटल एक्सप्रेस-वे कर दिया है.
एमपी सरकार ने उपलब्ध कराई 1500 हेक्टेयर जमीन
मध्य प्रदेश सरकार ने 1500 हेक्टेयर के आसपास जमीन अटल एक्सप्रेस वे के लिए उपलब्ध करा दी है. साथ ही वन विभाग की जमीन की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर दी गई है. सरकार की ओर से बताया गया कि इस एक्सप्रेस-वे का डीपीआर बनकर अलौटमेंट फाइनल हो जाए तो सरकार निजी जमीन भी अधिगृहित करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी.
शिवराज सिंह चौहान ने इस मौक़े पर कहा, ‘’अटल एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश के हमारे पिछड़े क्षेत्र ग्वालियर-चम्बल संभाग के लिए वरदान साबित होगा. यह सिर्फ़ केवल एक रोड मात्र नहीं होगी बल्कि यह औद्योगिक कलस्टर और बाकी आर्थिक गतिविधियां विकसित करने और रोजगार के अवसर सृजित करने में इस क्षेत्र की तस्वीर बदलने में मील का पत्थर साबित होगी.’’
गडकरी ने तीनों मामलों पर सहमति जताते हुए दिए निर्देश
मध्य प्रदेश सरकार ने 19 एमएसएमई क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव भारत सरकार के पास भेजा है, उनमें से जबलपुर के मिष्ठान् और नमकीन कलस्टर को स्वीकृत किया गया है. तीन के लिए सैद्धांतिक अनुमति मिल गयी है, ये इंडस्ट्रियल एरिया भोपाल, गुना और रतलाम है,
सीएम शिवराज में CRIF की 26 सड़कों के प्रस्ताव सांसद, जनप्रतिनिधियों की ओर से आए थे. जो जरूरी रोड हैं, वे प्रस्ताव भी नितिन गड़करी को सौंपे गए हैं और मांग की गई है कि यह 26 सड़कें केन्द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत स्वीकृत हों. नितिन गडकरी ने तीनों मामलों में अपनी सहमति जताते हुए आवश्यक निर्देश दे दिए हैं.
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