नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में हर साल लगने वाला चमलियाल मेला इस साल नहीं लगेगा. ये मेला पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा पर लगता है. पाकिस्तानी रेंजर भी इस मेले में आकर मजार पर चादर चढ़ाते हैं, पाकिस्तानी रेंजर्स यहां से मिट्टी और पानी ले जाते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में शक्कर और शरबत कहते हैं. माना जाता है कि इस पानी और मिट्टी से हर तरह का चर्मरोग ठीक हो जाता है. आमतौर पर बाबा चमलियाल की दरगाह पर होने वाले वार्षिक उत्सव की सारी व्यवस्था बीएसएफ करती है. पाकिस्तानी सैनिकों सहित हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं.
रेंजर्स की गोलीबारी में शहीद हुए थे चार जवान
पाकिस्तानी रेंजरों ने 13 जून को रामगढ़ सेक्टर में अचानक गोलीबारी कर दी थी, जिसमें एक असिस्टेंट कमांडेंट सहित बीएसएफ के चार जवान शहीद हो गए थे. शहीद जवानों की पहचान असिस्टेंट कमांडेंट जितेंद्र सिंह (34), उपनिरीक्षक रजनीश कुमार (32), सहायक उपनिरीक्षक राम निवास (52) और कांस्टेबल हंसराज गुर्जर (28) के रूप में हुई थी.
सुरक्षाबलों ने ढेर किए IS के 4 आतंकी, एक जवान शहीद
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में चार आतंकियों को ढेर कर दिया है. इस एनकाउंटर में एक जवान भी शहीद हो गया है, एक आम नागरिक के भी मारे जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि मारे गए चारों आतंकी आईएस (इस्लामिक स्टेट) के थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आंतकवादियों के मौजूद होने की विशेष खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के इस जिले में श्रीगुफवारा क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया था.
अमरनाथ यात्रा पर हमले की थी साजिश-सूत्र
गृहमंत्रालय के मुताबिक एनकाउंटर में मारे गए आईएसआईएस के आंतकी अमरनाथ यात्रा पर हमले की फिराक में थे. मारे गए आतंकी अमरनाथ यात्रा रूट पर पड़ने वाले खिर्रुम गाँव में छिपे थे. जम्मू कश्मीर पुलिस ने गृह मंत्रलाय को रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस गुट में 8-10 आतंकवादी हैं जो आईएस विचारधारा के प्रभावित हैं और अमरनाथ यात्रा पर बड़े हमले के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज़ करना चाहते थे. खुफिया एंजेसियों की माने तो अगर आतंकी अपनी साजिश में कामयाब हो जाते तो बड़ा हमला होता.
मारे गए आतंकियों के नाम
जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में जिन आतंकियों को ढेर किया उसमें मोहम्मद अशरफ, आदिल रजमान भट्ट,. मजीद अहमद डार और दाउद सोफी शामिल हैं. माना जा रहा है कि कश्मीर घाटी में आईएस के साथ सुरक्षाबलों का ये पहला एनकाउंटर है. अभी तक घाटी में विरोध-प्रदर्शन के दौरान सिर्फ आईएसआईएस के झंडे ही दिखाई पड़ते थे लेकिन आज के एनकाउंटर से साफ है कि स्थानीय युवक आईएसआईएस से प्रभावित होकर अपना अलग ग्रुप बना रहे हैं.