चंपई सोरेन को मिल तो गया सत्ता का आसन, कहीं लग न जाए राष्ट्रपति शासन... बागी विधायक न कर दें खेला!
Jharkhand Political Scenario: झारखंड में जेएमएम नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ले ली लेकिन बहुमत साबित करने का डर अभी बाकी है.
Jharkhand Politics: क्या झारखंड की राजनीति में खेला बाकी है? शुक्रवार (02 फरवरी) को चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली लेकिन सवाल बना हुआ है कि क्या चंपई सोरेन विश्वास मत साबित कर पाएंगे? टूट फूट के डर से गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया. 5 फरवरी तक विधायक वहीं रहेंगे.
अब सवाल ये कि 5 फरवरी को चंपई सोरेन बहुमत साबित कर देंगे या फिर फ्लोर पर कोई खेल हो जाएगा? चंपई को सत्ता का आसन तो मिल गया लेकिन राष्ट्रपति शासन की आशंका बनी हुई है. जेएमएम के चंपई सोरेन ने सीएम की शपथ ली तो कांग्रेस के आलमगीर आलम और आरजेडी के सत्यानंद भोक्ता ने दोपहर को मंत्री पद की शपथ ली.
विधायक और बिरियानी
करीब आधे घंटे बाद ही सत्ताधारी गठबंधन के विधायक हैदराबाद जाने के लिए रांची एयरपोर्ट पहुंच गए. चार्टर्ड प्लेन के अंदर सवार होकर विधायक हैदराबाद के लिए निकले तो उनकी एक तस्वीर भी सामने आई. बाकायदा एक-एक विधायक को मोबाइल कैमरे में कैद किया गया.
रांची में फ्लाइट के टेक ऑफ करने से पहले एबीपी न्यूज से जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने बात की और 39 विधायकों के हैदराबाद जाने की पुष्टि की. इन विधायकों को सोमवार तक हैदराबाद के होटल में रखा जाएगा. विधायकों से रांची में जब पूछा गया कि हैदराबाद क्यों जा रहे हैं तो कहने लगे बिरयानी खाने जा रहे हैं. अब सवाल ये है कि सत्ताधारी गठबंधन को डर किस बात का है?
मगर ये नौबत आई क्यों?
चार दलों के गठबंधन की झारखंड में सरकार है. आशंका इस बात की है कि गठबंधन के विधायकों में टूट फूट हो सकती है. इसी से बचने और विधायकों को एकजुट रखने के लिए हैदराबाद ले जाया गया है. तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है और विधायकों को वहां विश्वास मत तक रखा जाएगा.
क्या बहुमत साबित कर पाएगी जेएमएम?
39 विधायकों को हैदराबाद भेजा गया है जबकि सीएम और दो मंत्री रांची में ही हैं. हेमंत सोरेन को मिलाकर सरकार के खेमे में 43 विधायकों का समर्थन अभी दिख रहा है. जिसमें स्पीकर शामिल नहीं हैं.
झारखंड में कुल 81 सीट है. जिसमें से एक सीट खाली है. ऐसे में बहुमत के लिए 41 का आंकड़ा चाहिए. जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, आरजेडी और लेफ्ट का 1-1 विधायक है. इनका कुल जोड़ 48 होता है. सरकार के साथ हेमंत सोरेन को मिलाकर 44 विधायकों का समर्थन दिख रहा है, 4 विधायक बागी बताए जा रहे हैं.
बागी विधायक बिगाड़ सकते हैं खेल?
इन बागी विधायकों में से एक सीता सोरेन जो कि हेमंत सोरेन की भाभी हैं वो कल ही रांची पहुंची थी और आज वो राजभवन भी गईं थीं. सीता सोरेन का रुख विश्वास मत के दौरान क्या होगा इस पर सबकी निगाहें हैं.
गठबंधन को इस बात का डर सता रहा है कि रांची में रहने पर बागी विधायकों की संख्या बढ़ सकती है या फिर उनके विधायकों को प्रभावित किया जा सकता है. लिहाजा बहुमत के परीक्षण तक विधायकों को रांची से दूर रखा जा रहा है. गठबंधन का ये दांव कामयाब होता या फिर फ्लोर पर कोई नया खेल होता है अब सबकी नजरें इस ओर रहने वाली हैं.
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