Maharashtra Congress: महाराष्ट्र कांग्रेस के भीतर नाराजगी रुकने का नाम नहीं ले रही इस बीच कांग्रेस नेताओं का शिर्डी में नव संकल्प शिबिर शुरू हो गया है. राज्यसभा चुनाव में यूपी से ताल्लुक रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट देने से महाराष्ट्र के कई कद्दावर नेताओं का असंतोष झलक पड़ा है तो दूसरी और मुंबई कांग्रेस के नेताओं के भीतर फैले असंतोष को ट्वीट के जरिए सार्वजनिक कर कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर महा विकास आघाडी सरकार को झटका दिया है.
राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान क्या किया पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. हरियाणा, राजस्थान से लेकर यह मुसीबत महाराष्ट्र तक कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी हुई है. यूपी से ताल्लुक रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से टिकट दिए जाने महाराष्ट्र कांग्रेस के कई नेता नाराज है. पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने अपने महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी कांग्रेस हाई कमांड के इस फैसले इत्तेफाक नहीं रखते.
बीएमसी चुनाव से पहले मंगलवार को वार्ड रिजर्वेशन जारी
तो वहीं दूसरी तरफ मुंबई कांग्रेस में भी नाराजगी थम नहीं रही है. बीएमसी चुनाव से पहले मंगलवार को वार्ड रिजर्वेशन जारी किए गए. जिसमें कांग्रेस को साजिश की बू आ रही है. बीएमसी में कांग्रेस नेता रवि राजा ने इस मामले आयुक्त इकबाल सिंह चहल पर सुपारी लेकर कांग्रेस को खत्म करने का गंभीर आरोप लगाया है. दरअसल नई वार्ड रिजर्वेशन की वजह से कांग्रेस के कई पार्षदों के वार्ड को नुकसान पहुंचा है. कांग्रेस अब इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी मुंबई कांग्रेस की नाराजगी को अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए सार्वजनिक किया.
महा विकास आघाडी में शामिल होने का फैसला
देवड़ा ने लिखा कि " महाराष्ट्र में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए महा विकास आघाडी में शामिल होने का फैसला किया लेकिन अपने जन्म स्थल मुंबई से ही अस्तित्व खोने की कगार पर अब कांग्रेस है हमें अपने पार्षदों कार्यकर्ताओं और सबसे अहम अपने मतदाताओं के प्रति कर्तव्यों का ध्यान रखना होगा इसलिए बीएमसी चुनाव में हुए वार्ड पुनर्गठन के मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भूमिका को समर्थन देता हूं .
हालांकि सवाल यह है की वर्ल्ड पुनर्गठन को लेकर कुछ दिनों पहले बीजेपी भी सवाल खड़े कर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है जहां से उन्हें निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला ऐसे में कांग्रेस जो देर से जगी है तो जो गंभीर आरोप कांग्रेस लगा रही है उसके सबूत क्या कोर्ट में पेश कर पाएगी यह बड़ा सवाल है.
ये भी पढ़ें: