नई दिल्ली: वीडियोकॉन कर्ज मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर पर एफआईआर को लेकर वित्त मंत्री जेटली ने सीबीआई पर ही सवाल उठाए हैं. जेटली ने कहा है कि जांच एजेंसियों को पेशेवर रुख अपनाना चाहिए. बता दें कि सीबीआई ने चंदा कोचर जो उस वक्त आईसीआईसीआई बैंक के तत्कालीन एमडी और सीईओ थी उनके खिलाफ और साथ ही उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा वी एन धूत, वीडियोकॉन समूह के एमडी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.


जेटली ने ट्वीट में लिखा, ''पेशेवर जांच और जांच में दुस्साहस के बीच आधारभूत अंतर है. हजारों किलोमीटर दूर बैठा, मैं जब आइसीआइसीआइ केस में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो एक ही बात मेरे दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने की जगह अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? अगर हम बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े हर किसी को इस जांच में सुबूत या सुबूत के बिना शामिल करेंगे तो वास्तव में हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं या नुकसान उठाने वाले हैं.''

चंदा कोचर से जुड़ा मामला है क्या?

ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक खत लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था.




दावा किया गया है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'नूपावर' में अपना पैसा निवेश किया. आरोप है कि चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया.



आरोप के बाद दिया था इस्तीफा
आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. चंदा कोचर के द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ पोस्ट से रिटायरमेंट के लिए दी गई अर्जी को बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने स्वीकार कर लिया था.


बैंक ने कहा है कि तत्काल प्रभाव से बैंक ने चंदा कोचर को रिटायरमेंट दे दी गई है. बैंक ने चंदा के बाद नए एमडी और सीईओ के पद पर संदीप बख्शी को पांच साल के लिए नियुक्त किया है. संदीप बख्शी इस पद पर 3 अक्टूबर, 2023 तक रहेंगे.




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