नई दिल्लीः दिल्ली के जामिया इलाक़े में फ़ायरिंग करने वाला लड़का अपने को राम भक्त बताता है. उसने अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल में अपना नाम रामभक्त लिखा है. शादाब पर गोली चलाने से पहले उसने जामिया इलाक़े से फ़ेसबुक लाइव भी किया. उसका दावा है कि चंदन की हत्या का बदला लेने के लिए उसने ऐसा किया है. फ़ायरिंग करने से पहले उसने फ़ेसबुक पर ऐसा पोस्ट किया है. आख़िर जामिया नगर फ़ायरिंग का चंदन से क्या कनेक्शन है ?

आपको इस कनेक्शन के बारे में बताते हैं. दो साल पहले यूपी के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर चंदन की हत्या हो गई थी. ये बात दो साल पहले की है. रिपोर्टिंग के लिए मैं ख़ुद कासगंज गया था. कवरेज के दौरान वहां के स्थानीय लोगों से कई पत्रकारों की झड़प भी हुई थी. एटा से लेकर कासगंज तक सांप्रदायिक माहौल गरमाया हुआ था. चंदन गुप्ता नाम के एक नौजवान की तिरंगा यात्रा के दौरान मौत हो गई थी. कुछ लोगों ने उस पर गोली चला दी. मौक़े पर ही चंदन की जान चली गई. देखते ही देखते शहर में दंगा फैल गया. दो समुदायों के लोग आपने सामने हो गए. कई दुकानें लूट ली गईं. गाड़ियां जला दी गईं. कई घरों में तोड़ फोड़ हुई. पुलिस वाले पीटे गए. हर तरफ़ दंगा फ़साद शुरू हो गया. अग़ल बग़ल के ज़िलों से पुलिस फ़ोर्स के आने पर हालात पर क़ाबू पाया गया.

26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था. कासगंज के बाज़ार में कुछ नौजवान तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे. बाइक पर सवार होकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग नारे लगा रहे थे. चंदन गुप्ता भी एक बाइक पर था. उसके दो दोस्त भी उसके साथ थे. मुस्लिम बहुल इलाक़े से यात्रा गुजरी तो बवाल हो गया. रास्ते में कुछ मुसलमान मिल कर तिरंगा फहरा रहे थे. यहीं पर एबीवीपी के लोगों से कहा सुनी हो गई. फिर वहां के लोगों ने तिरंगा यात्रा पर पथराव कर दिया. दोनों तरफ़ से उत्तेजक नारे लगाए जाने लगे. फिर किसी ने चंदन को गोली मार दी. यहीं से कासगंज हिंसा की भेंट चढ़ गया.

चंदन गुप्ता के घर वाले सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाए जाने की मांग होने लगी. सरकार ने परिवार के लिए बीस लाख रुपये की आर्थिक मदद का एलान किया. चंदन की हत्या के मामले में सलीम और उसके भाइयों वसीम और नसीम जेल में हैं. बाद में योगी आदित्यनाथ ने चंदन के घरवालों को लखनऊ से बुला कर उनसे मुलाक़ात भी की.