Chandigarh Grenade Blast Case: चंडीगढ़ ग्रेनेड अटैक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में छापेमारी की है. सितंबर 2024 में चंडीगढ़ रिटायर्ड पुलिस अफसर के घर पर हैंड ग्रेनेड से अटैक किया गया था. एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आतंकियों का मकसद डेड ड्रॉप मॉडल के जरिये आतंकी वारदातों को अंजाम देना था.


एनआईए की ये छापेमारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े ठिकानों पर की गई है. एनआईए  के मुताबिक, अमेरिका में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पैसियां से जुड़े संदिग्धों के यहां ये छापेमारी की गई.


 रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर को निशाना बनाना था टारगेट


एनआईए की छापेमारी पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, बठिंडा, फिरोजपुर  और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, उत्तराखंड के रुद्रपुर और चंडीगढ़ में की गई है. छापेमारी में एनआईए को कई मोबाइल, डिजिटल डिवाइस और डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिन्हें सीज किया गया है. जांच में पता चला है कि ये पाकिस्तान में बैठे हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका में बैठे हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पैसियां की साजिश है, जिसमे एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर को निशाना बनाया जाना था.


 भारत में अपने एसोसिएट्स को रिक्रूट करने के लिए डेड ड्रॉप मॉडल का इस्तेमाल


इन दोनों आतंकियों ने ही आतंकी हमले के लिए हथियार, पैसा और दूसरा लॉजिस्टिक सपोर्ट अपने ग्राउंड ऑपरेट्स को मुहैया कराया था. इनकी साजिश भारत में अपने एसोसिएट्स को रिक्रूट करके आतंकी वारदातों को डेड ड्रॉप मॉडल के जरिये अंजाम देना था.


क्या होता है डेड ड्रॉप मॉडेल?


डेड ड्रॉप मॉडेल एक तरह की जासूसी तकनीक होती है, जिसका यूज किसी के बीच में खूफिया जानकारी, पैसा, हथियार और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भेजने के लिए किया जाता है. इसके तहत कोई भी चीज ड्रॉप के लिए, दोनों ओर से दुरुस्त सहमत जगह का चयन करते हैं, जिससे दोनों को व्यक्तिगत रूप से मिलने की जरूरत ही न पड़ें. 


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