Chandigarh High Court: गाड़ी में क्षमता से अधिक यात्रियों का बैठना गैरकानूनी है. ऐसे में गाड़ी में क्षमता से अधिक यात्री बैठे मिलते है तो बीमा कंपनी दुर्घटनाग्रस्त पीड़ित को मुआवजा नहीं देगी. चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंश्योरेंस कंपनी अपीलों को स्वीकारते हुए कहा कि जो गैरकानूनी है उसको वैधानिक प्रावधान की आड़ में कानूनी नहीं बनाया जा सकता है.
चंडीगढ़ हाईकोर्ट के न्यायधीश सत्येन वैध ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि एक गाड़ी जिसमें ड्राइवर के साथ केवल एक व्यक्ति के बैठने की इजाजत है उसमें एक से अधिक व्यक्ति के बैठने की कानून में इजाजत नहीं है.
2 जून 2013 में बोलेरो हुई थी दुर्घटनाग्रस्त
चम्बा जिले के भगल धार में 2 जून 2013 में बोलेरो के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी. गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के अनुसार गाड़ी में ड्राइवर के साथ एक व्यक्ति को बैठने की इजाजत थी.
घटना में मृतक के परिजनों ने बीमा कंपनी पर मुआवजा का दावा किया था. दावे में कहा गया था कि हादसे में मृतक रेखा देवी ने कांगड़ में दुर्घटना वाले दिन एक धार्मिक आयोजन के लिए वाहन को भाड़े पर लिया था.
बीमा कंपनी ने कोर्ट में कहा
बीमा कंपनी ने कोर्ट में कहा, गाड़ी में सभी लोग बेवजह बैठे थे. मालवाहक गाड़ी में ड्राइवर के साथ सिर्फ एक व्यक्ति को बैठने की इजाजत थी. बीमा कंपनी ने बीमा शर्तों का उल्लघंन करने का आरोप लगाते हुए क्लेम को गलत ठहराने की गुहार लगाई थी.
बीमा कंपनी की दलीलों को कोर्ट ने सही ठहराया
हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी की दलीलों को सही ठहराया है. हाईकोर्ट ने कंपनी को धार्मिक आयोजन के लिए जाने वाली महिला के आश्रितों को छोड़कर अन्य आश्रितों को मुआवजे से मुक्त करने का आदेश दिए. कोर्ट ने धार्मिक आयोजन के लिए जाने वाली मृतक महिला को कानूनन माना.
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