Chandigarh Mayor Poll Case: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 फरवरी) को सुनवाई की और रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई है. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में कोर्ट की अवमानना की गई है. कोर्ट में इस चुनाव को लेकर पूरी बाजी पलट गई है. अदालत ने कहा कि सभी 8 अवैध वोटों को वेलिड करार दिया जाएगा. इसके बाद अब वोटों की फिर से काउंटिंग की जाएगी.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच 8 वोटों के "अमान्य" किए जाने के विवाद पर सुनवाई करते हुए इसकी जांच की. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इनको फिर से गिना जाएगा. इन सभी अमान्य वोटों को मान्य माना जाएगा. इसके आधार पर ही परिणामों की घोषणा की जाएगी.
'वोट खराब करते कैमरे में हुए कैद अनिल मसीह'
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि शीर्ष अदालत पिछले माह के मेयर चुनाव में पड़ी वोटों की पुनर्गणना करने का निर्देश देगा. उन सभी 8 वोटों को जिनको रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने 'अमान्य' घोषित किया था, वो सभी कैमरे में कैद की गईं थीं. यह सभी वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में शामिल हैं.
अनिल मसीह ने कोर्ट को बताया किस तरह की गड़बड़ी
कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई की शुरुआत अनिल मसीह से यह बताने के साथ की कि उन्होंने कैसे 8 बैलेट पेपर को 'विकृत' किया. मसीह ने कोर्ट को अवगत कराया कि उन्होंने बैलेट पेपर पर निशान लगाया. अदालत को बताया कि इससे वह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इन 'विकृत' बैलेट पेपर की काउंटिंग नहीं की जाएगी.
आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन की होगी जीत
मेयर चुनाव में इन वोटों की फिर से गिनती होने के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मेयर पद की दौड़ में स्पष्ट जीत मिलेगी. इन सभी वोटों को बिना किसी ठोस कारणों के खारिज कर दिया गया था. इन आठ वोटों के खारिज होने के बाद बीजेपी ने पिछले माह जनवरी में चुनाव में मेयर इलेक्शन में जीत का दावा किया था. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने पिछले सप्ताह अनिल मसीह को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पद से हटा दिया था.