Chandigarh Mayor Polls Highlights: चंडीगढ़ मेयर पद पर AAP की जीत, केजरीवाल बोले- '36 वोटों में बीजेपी ने चुरा लिए 8 वोट, सोचिए 90 करोड़ में कितने चुराएंगे'
Chandigarh Mayor Polls Highlights: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (20 फरवरी) को भी सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध मतों को वैलिड घोषित किया.
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी को हराया जा सकता है, अगर इंडिया गठबंधन में हम संगठित हो जाएं. एक हो जाएं. चंडीगढ़ में ये हमने कर के दिखाया है. जो लोग देश को बचाना चाहते हैं, वो इंडिया गठबंधन के साथ आएं. पहले ये वोटर लिस्ट गड़बड़ कर देते थे, अब EVM में भी गड़बड़ी के आरोप लगते हैं. उस पर सरकार ने कुछ नहीं किया. कुछ नही होता इनसे तो ये ED पीछे छोड़ देते हैं.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया करते है. जिस तरह से जनतंत्र को कुचला जा रहा है. ऐसे में कोर्ट का फैसला जनतंत्र को बचाने के लिए बहुत मायने रखता है. इंडिया गठबंधन की पहली जीत है. उनसे छीनकर लाये हैं ये जीत हम. मैं इंडिया गठबंधन से जुड़ी सभी पार्टियों और चंडीगढ़ की जनता को बधाई देता हूं. ये तो छोटा चुनाव था, लेकिन देश में बड़ा चुनाव होने वाला है. सोचिए उसमें ये कितनी बड़ा चोरी करेंगे. अब तक सुबूत नहीं होता था आज सुबूत सामने है. इनकी किस्मत खराब थी कि चंडीगढ़ चुनाव में सीसीटीवी कैमरे लगे थे और ये पकड़े गए. आज बीजेपी किस तरह से कह रही है कि 370 सीटें आ रही है. इतना विश्वास कहां से आ रहा है? इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है. ये चुनाव जीतते नहीं है चुनाव चोरी करते है.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल बोले कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत आखिरकार संविधान और लोकतंत्र की हुई. माननीय सुप्रीम कोर्ट का बहुत-बहुत शुक्रिया. उन्होंने कहा कि ये 36 वोटों में 25 फीसदी वोट चोरी कर सकते हैं तो 90 करोड़ वोटों में कितनी चोरी कर सकते हैं.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, "चंडीगढ़ की आबादी महज 14.5 लाख है. देश के लोगों को पता भी नहीं होगा कि चंडीगढ़ में हर साल एक मेयर चुना जाता है. दुनिया की सबसे बड़ा पार्टी ने इन छोटे स्तर के चुनावों में भी खेल खेलने की कोशिश की और कैमरे में कैद हो गई. AAP उम्मीदवार को 20 वोटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिला था. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने दुनिया की सबसे युवा पार्टी के साथ खेल करने की कोशिश की और सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिली. वे कैमरे के सामने भी बेईमान हैं, कल्पना करें कि वे कैमरे के पीछे क्या करने में सक्षम हैं.''
मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए वैध रूप से निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए वैध रूप से निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जाए. चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख हरमोहिंदर सिंह लकी ने इस पर कहा, "सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ वह चंडीगढ़ के इतिहास में पूरी तरह से ऐतिहासिक है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. हर कोई जानता है कि मेयर चुनाव में क्या हुआ. आज न्याय की जीत हुई है."
कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर कहा गया कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने INDIA गठबंधन के उम्मीदवार को विजय घोषित किया. यह देश में लोकतंत्र की जीत है, तानाशाही ताकतों को मुंहतोड़ जवाब है. इस ऐतिहासिक फैसले से लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का बहुत-बहुत आभार. हम सभी देशवासियों को साथ मिलकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करनी है. यह हम सभी का कर्तव्य है, देश के प्रति हमारी साझी जिम्मेदारी है. लोकतंत्र जिंदाबाद.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. वास्तव में, हमें यह देखना चाहिए कि चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं के अधिकार और विश्वसनीयता को कम किया गया है, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा तर्क नहीं है. मुझे आश्चर्य है कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और रिकॉर्ड सही करना पड़ा. इसे चुनाव आयोग के भविष्य के कामकाज का एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए.''
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक्स पर लिखा कि आख़िरकार सत्य की जीत हुई. चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. पीठासीन अधिकारी द्वारा खारिज किए गए 8 वोटों को सही ठहराते हुए CJI ने AAP के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया. बीजेपी द्वारा सरेआम की गई गुंडागर्दी का उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिला है. लोकतंत्र की इस बड़ी जीत पर चंडीगढ़वासियों को बहुत-बहुत बधाई.
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि कुलदीप कुमार एक गरीब घर का लड़का है. INDIA गठबंधन की ओर से चंडीगढ़ का मेयर बनने पर बहुत बहुत बधाई. ये केवल भारतीय जनतंत्र और माननीय सुप्रीम कोर्ट की वजह से संभव हुआ. हमें किसी भी हालत में अपने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाकर रखना है.
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर के हास्यास्पद चुनाव पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भारतीय लोकतंत्र को बचाने में बहुत मददगार साबित होगा. पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से एक दिखावा थी, जो इस ऐतिहासिक फैसले से विधिवत उजागर हो गई है. हम 4 महीने से लगातार वीवीपैट की पूरी गिनती के मुद्दे पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग से समय मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें समय नहीं मिला है. हमें उम्मीद है कि ईसीआई तेजी से कदम उठाएगा और ऐसे कदम उठाएगा जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों का विश्वास बढ़ेगा, न कि उसे ठेस पहुंचेगी.
मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को निरंकुश बीजेपी के जबड़ों से बचाया है, जो गंदे चुनावी हेरफेर का सहारा लेती थी. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में संस्थागत तोड़फोड़ मोदी-शाह की लोकतंत्र को कुचलने की कुटिल साजिश का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है. सभी भारतीयों को हमारे संविधान पर इस हमले का सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए. कभी न भूलें. 2024 के लोकसभा चुनाव में हमारा लोकतंत्र चौराहे पर होगा.
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई. बड़ी जीत हुई है. खुशी के साथ चिंता भी है कि देश के हालात आज क्या हो गए. भारत आज़ाद हो गया इसका क्या मतलब था. सड़कें, ट्रेन और बंदरगाह जैसी चीजें तो अंग्रेज भी बना रहे थे, लेकिन देश आज़ाद इसलिए कराया ताकि लोग अपनी सरकार चुन सकें. और चुनी हुई सरकार लोगों के लिये काम करें. आज चिंता इस बात की है कि देश की केंद्र सरकार और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कहलाने वाली बीजेपी चंडीगढ़ के एक छोटे से चुनाव में झूठ, फ़रेब धोखाधड़ी कैमरे के ऊपर करती नज़र आई तो समझिये जहां कैमरा नहीं होगा वहां ये लोग क्या करते होंगे.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार शाम को साढ़े 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सत्यमेव जयते.
बेंच ने कहा कि पीठासीन अधिकारी (अनिल मसीह) को कोर्ट में झूठ बोलने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है. वह 3 हफ्ते में जवाब दें. सारे रिकॉर्ड को वापस हाई कोर्ट रजिस्ट्रार के पास भेजा जा रहा है. उसे सुरक्षित रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को घोषित चंडीगढ़ मेयर चुनाव परिणाम को निरस्त किया. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित किया गया. कोर्ट ने कहा कि कुलदीप कुमार को मिले 8 वोट गलत तरीके से अमान्य करार दिए गए थे. पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह को उनके आचरण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया.
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को अवमानना का नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की ओर से खराब किए गए 8 मतपत्रों को वैलिड करार देते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ मेयर पद पर जीता घोषित किया है.
बेंच ने कहा कि मतगणना के दौरान पीठासीन अधिकारी ने नियम विरुद्ध काम किया. पीठासीन अधिकारी को निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन उन्होंने जान-बूझकर मतपत्र खराब किए. उन्होंने कोर्ट में भी गलतबयानी की. उनका आचरण 2 वजह से गलत है. पहला कि उन्होंने चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित किया. दूसरा कि कोर्ट में झूठ बोला.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और गुरमिंदर सिंह की ओर से आग्रह की गई याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि वीडियो फुटेज में कोई संदेह नहीं है कि पीठासीन अधिकारी ने मतपत्र पर हस्ताक्षर करते समय स्याही का निशान लगाने का आरोप लगाया था. मतपत्र के निचले आधे भाग पर और यह 8 मतपत्रों के मामले में हुआ जो याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए थे. नतीजतन, यह प्रस्तुत किया गया कि पीठासीन अधिकारी की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए 8 वोटों को अवैध मानने का जानबूझकर प्रयास किया गया, ताकि 8वें प्रतिवादी को इस आधार पर निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जा सके कि उसने 16 वोट हासिल किए हैं.
बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई. इस पर हाई कोर्ट ने निष्पक्ष चुनाव और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी का आदेश दिया. 18 जनवरी को चुनाव नहीं हो पाया. पीठासीन अधिकारी के खराब स्वास्थ्य के चलते यह हुआ. इसके बाद हाई कोर्ट में फिर याचिका दाखिल हुई. चुनाव को 6 फरवरी के लिए टाल दिया गया था. इसे भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. 23 जनवरी को हाई कोर्ट ने कहा कि 18 दिन के लिए चुनाव को टालना गलत है. हाई कोर्ट ने 30 जनवरी को चुनाव का आदेश दिया. 10 जनवरी को मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी हुई. पार्षद अनिल मसीह को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया. चुनाव में मेयर और दूसरे पदों पर निर्वाचन होना था. उम्मीदवार कुलदीप कुमार को AAP और कांग्रेस के गठबंधन ने चुनाव में उतारा. दूसरे उम्मीदवार मनोज कुमार थे. कुल 35 पार्षद और चंडीगढ़ के सांसद इस चुनाव में वोट दे सकते थे यानी कुल 36 वोट थे. पीठासीन अधिकारी मसीह ने 30 जनवरी को परिणाम की घोषणा की. 8 वोट अमान्य करार दिए गए. बचे 28 में से याचिकाकर्ता (कुलदीप कुमार) को 12 वोट मिले, प्रतिवादी (मनोज कुमार) को 16 वोट मिले. 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मामला सुना और कुछ आदेश दिए. 19 फरवरी को यह मामला फिर सुप्रीम कोर्ट में सुना गया. हमने सभी रिकॉर्ड अपने पास तलब किए. नियमों के मुताबिक पीठासीन अधिकारी को मतपत्र पर हस्ताक्षर करना था. अगर इसमें कोई कमी हो तो मतपत्र अमान्य करार दिया जा सकता है. अगर पार्षद 1 से ज़्यादा उम्मीदवार को वोट दें, मतपत्र पर कोई निशान बना दें, वोट देते समय ऐसा निशान बनाए जिससे इस बात का पता न चले कि किसे वोट दिया- यह सब मतदान को अमान्य करार देने के आधार हैं. वीडियो में दिख रहा है कि पीठासीन अधिकारी ने 8 मतपत्रों पर निशान लगाए. यह सभी वोट याचिकाकर्ता को मिले थे. इसके चलते यह वोट अमान्य हो गए और याचिकाकर्ता चुनाव हार गया. लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हनन हुआ.
बेंच ने कहा कि बैठक का एजेंडा मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराना था. मौजूदा मामला मेयर पद के चुनाव से जुड़ा है. याचिकाकर्ता की ओर से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अनुच्छेद 226 के तहत एक रिट याचिका दायर की गई थी, जिसमें उपायुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी कि निगम के महापौर, वरिष्ठ उप महापौर, उप महापौर के पद पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और नियुक्ति हो.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह आईएएस ने विहित प्राधिकारी के रूप में कार्य करते हुए 18 जनवरी 2024 को सुबह 11 बजे धारा 38 के तहत पार्षदों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया. अनिल मसीह, जो पार्षद चुनाव में खड़े नहीं थे, उनमें से एक को पीठासीन प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया था.
बेंच ने आदेश सुनाना शुरू किया: पंजाब नगर निगम अधिनियम 1976 की धारा 38 को केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ तक बढ़ाया गया है. इसमें प्रावधान है कि निगम अपनी पहली बैठक में अपने अध्यक्ष का चुनाव करेगा, जिसे निगम के मेयर के रूप में जाना जाता है. चंडीगढ़ नगर निगम (प्रक्रिया और संचालन) विनियमन 1996 की धारा 60 (ए) और विनियमन 6 (1) में प्रावधान है कि मेयर के चुनाव की बैठक मंडलायुक्त की ओर से बुलाई जाएगी, जो निर्धारित प्राधिकारी है, जो बैठक की अध्यक्षता करने के लिए एक पार्षद को नामांकित करेगा, जो चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं है.
मनोज सोनकर के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि भले ही आप इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए, वैधानिक तंत्र के अनुसार एक नया चुनाव करना होगा. यह हमारे लिए भी उचित होगा. इसके खिलाफ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वैध चुनाव होने पर ही प्रावधान लागू होगा.
वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि याचिका में दोबारा चुनाव कराने की भी अपील की गई थी.
बेंच ने मेयर चुनाव के विजेता मनोज सोनकर (जिन्होंने बाद में इस्तीफा दे दिया था) के वकील मनिंदर सिंह से प्रतिक्रिया मांगी. मनिंदर सिंह ने कहा कि कानून के मुताबिक, अगर मेयर का पद खाली है तो दोबारा चुनाव कराना होगा.
सुनवाई के दौरान जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि उन्होंने (अनिल मसीह) मतपत्रों पर टिक क्यों किया? इसके जवाब में वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका स्पष्टीकरण यह है कि उन्होंने आकलन किया कि कुछ मतपत्र अवैध थे. वह चोर नहीं है. यह उनका आकलन था. इस पर कुलदीप कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि काल्पनिक आकलन!
अनिल मसीह के वकील मुकुल रोहतगी बोले कि वह वोटों की घोषणा कर रहे थे. उन्होंने (विपक्षी पार्षदों) मतपत्र छीन लिए. इस पर जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि कल उन्होंने (मसीह) स्वीकार किया कि उन्होंने मतपत्रों पर सही का निशान लगाया. हमने वीडियो देखा है कि नतीजे आने के बाद हंगामा हुआ.
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद जताया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुश्किल समय में लोकतंत्र बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में मतपत्र खराब करने वाला वीडियो चलाने को कहा. सभी पक्षों के वकील वीडियो देख रहे हैं.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार रहे कुलदीप कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उस शख्स (मसीह) में वीडियो पर ऐसा करने का साहस था. उन्होंने कहा कि चुप रहो, अदालत में आओ और सोचो कि वह बच जाएगा. वह हम सभी को गुमराह कर रहा था.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के मामले की सुनवाई के दौरान वकील गुरमिंदर सिंह ने कहा कि ये केवल एक सिंगल लाइन है, इससे मतपत्र अवैध नहीं हो जाते हैं. ये केवल पेन को छुआ दिया गया है.
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम निर्देश देंगे कि खराब किए गए 8 मतपत्रों को वैलिड मानते हुए फिर से इनकी गिनती की जाए और इसी के आधार पर नतीजे घोषित किए जाएं.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह से कहा कि आपने कहा था कि खराब हो चुके मतपत्र पर निशान लगाया था, लेकिन देखिए यह तो सही हैं. CJI ने कहा कि सभी 8 मतपत्र में कुलदीप कुमार के नाम पर मोहर लगी है, लेकिन बाद में मतपत्र पर लाइन खींची गई है.
CJI चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह, रोहतगी, सिंघवी, पंजाब के एडवोकेट जनरल सभी को 8 मतपत्र देखने के लिए कहा.
मसीह के वकील रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि मतपत्र मोड़ने के तरीके में गलती से कुछ निशान पड़े. इसके चलते अनिल मसीह को वह अमान्य लगे. कैमरे की तरफ देखने का मतलब दोषी होना नहीं है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि हम इन 8 बैलेट पेपर के साथ दोबारा मतगणना का आदेश दे देते हैं.
बैकग्राउंड
Chandigarh Mayor Polls Highlights: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 फरवरी) को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में ‘खरीद-फरोख्त होने’ का जिक्र करते हुए कहा कि मतपत्रों और मतगणना के दिन की पूरी वीडियो-रिकॉर्डिंग का अवलोकन किया. कोर्ट ने आज नए सिरे से मतदान का आदेश या पहले के ही नतीजों के आधार पर अपना फैसला सुना सकता है. बीजेपी ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस-आम आदमी पार्टी गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी.
महापौर पद के लिए बीजेपी के मनोज सोनकर ने AAP के कुलदीप कुमार को हराया, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले. आठ वोट अवैध घोषित किए गए. निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह पर आठ मतों को ‘विरूपित’ करने का आरोप लगा. पांच फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को ‘विरूपित’ किया है और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
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