(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चंडीगढ़ छेड़खानी मामला: आरोपी विकास बराला दो दिन की पुलिस रिमांड पर
ढाई बजे सेक्टर 26 थाने से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विकास और इसके दोस्त को कोर्ट लाया गया. नीले रंग की कमीज पहने विकास ने रूमाल से अपने चेहरे को ढकने की कोशिश की. अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए दोनों की दो दिन की पुलिस हिरासत मांगी कि वह क्राइम सीन को रीक्रिएट करना चाहता है.
चंडीगढ़: चंडीगढ़ की एक कोर्ट ने हरियाणा बीजेपी प्रमुख सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके दोस्त आशीष कुमार को आज दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दोनों को 29 साल की महिला का पीछा करने और उसे अगवा करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने कोर्ट से यह कहते हुए दोनों की हिरासत मांगी कि वह इस क्राइम के सीन को फिर से रीक्रिएट करना चाहती है. सिविल जज बरजिंदर पाल सिंह ने दोनों आरोपियों को 12 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के पुलिस के अनुरोध से एक दिन पहले कल चंडीगढ़ के डीजीपी तेजिंदर सिंह लूथरा ने कहा था कि पुलिस को पीछा करने के इस मामले में सीसीटीवी फुटेज समेत नए तथ्य और सबूत मिले हैं.
दोनों आरोपियों को करीब ढाई बजे सेक्टर 26 थाने से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट लाया गया. नीले रंग की कमीज पहने विकास ने रूमाल से अपने चेहरे को ढकने की कोशिश की. अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए दोनों की दो दिन की पुलिस हिरासत मांगी कि वह क्राइम सीन को रीक्रिएट करना चाहता है.
बचाव पक्ष के वकील सूर्य प्रकाश ने हिरासत की मांग का यह कहते हुए विरोध किया कि यह मामला पीड़ित के अपहरण के अंदेशे मात्र पर आधारित है. उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं और उनसे कुछ भी बरामद नहीं किया गया है. बचाव पक्ष के वकील ने कहा, ‘‘महिला कह रही है कि अपहरण का अंदेशा था. यदि आरोपियों की अपहरण की मंशा होती तो वे उसके पीछे पड़ गए होते.’’ उन्होंने कहा कि अपहरण की कोशिश का आरोप दबाव में लगाया गया. इस मामले का मीडिया ट्रायल चल रहा है. बाद में सूर्य प्रकाश ने कोर्ट के बाहर कहा कि विकास और उसके दोस्त ने कोई गुनाह नहीं किया है.
जब उनसे इस कथित घटना के सीसीटीवी फुटेज के बरे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई कार दूसरी कार के पीछे आ रही है तो क्या इसका मतलब अपराध हो जाता है. ’’ उन्होंने कहा कि पुलिस पांच दिन से मामले की जांच कर रही है और जब कभी दोनों को बुलाया गया तो दोनों जांच में शामिल हुए. सूर्य प्रकाश ने कहा कि यह दावा कि एक आरोपी ने पीड़िता की कार का दरवाज खोलने का प्रयत्न किया , महज एक आरोप है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या बस इस अंदेशे के आधार पर कि उसका अपहरण होने जा रहा है, ऐसा आरोप जोड़ा जा सकता है. ’’ उन्होंने दावा किया इस घटना के पांच घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई. आज दिन में पीड़िता के पिता उस थाने में गये थे जहां मामला दर्ज किया गया था.
दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 365 और धारा 511 के तहत अगवा करने की कोशिश के गैर जमानती आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें बुधवार को फिर से गिरफ्तार किया गया.
आईएएस अधिकारी की बेटी की शिकायत पर दोनों को पहले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था, क्योंकि उनके खिलाफ आईपीसी और मोटर व्हीकल्स कानून की जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. दोनों आरोपी कल सेक्टर 26 थाने में पुलिस जांच में शामिल हुए थे जहां उनसे पूछताछ की गई थी और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.