चांदीवाल कमिटी ने परमबीर सिंह पर लगाया जुर्माना, लगातार दूसरी बार नहीं हुए उपस्थित
परमबीर सिंह को 18 अगस्त को दूसरी बार समन कर कमिटी के सामने उपस्थित रहने को कहा गया था लेकिन पहली बार की तरह इस बार भी अनुपस्थित रहे.
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मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था. आरोप में कहा गया था कि देशमुख ने पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई के 1750 बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ की वसूली का लक्ष्य दिया था. सिंह ने यह शिकायत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मार्च को पत्र लिखकर की थी. इसके बाद राज्य सरकार ने एक सदस्यीय कमिटी का गठन किया जिसने बॉम्बे हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल को जांच करने के लिए कहा गया. इस कमिटी को चांदीवाल कमिटी के नाम से जाना जाता है, जिसे 30 मार्च को स्थापित किया गया.
इसी सुनवाई के दौरान परमबीर सिंह को 18 अगस्त को दूसरी बार समन कर कमिटी के सामने उपस्थित रहने को कहा गया था लेकिन पहली बार की तरह इस बार भी परमबीर सिंह कमिटी के सामने अनुपस्थित रहे.
परमबीर सिंह ने क्या बतायी वजह
परमबीर सिंह का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ वकील संजय जैन और अनुकूल सेठ कमिटी के सामने मौजूद थे. उन्होंने सिंह के न आने की वजह बताते हुए कमिटी के सामने कहा कि परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट में कमिटी को लेकर और उन्हें दिए गए समन को लेकर याचिका दायर की है और इसकी सुनवाई 23 अगस्त को होने के संभावना है इसी वजह से वो कमिटी के सामने नहीं आए.
इस पर चांदीवाल कमिटी ने कहा, “यह स्पष्ट है कि जांच एक निर्धारित समय के भीतर पूरी की जानी है. हालांकि 30 जुलाई के आदेश पर देर से सवाल उठाया गया है. इसके लिए जांच को सामान्य तौर पर नहीं रोका जाना चाहिए था. अन्य पहलुओं की अनदेखी करते हुए, तथ्य यह है कि पार्टियों को समय सारिणी का पालन करना होगा."
इसके बाद न्यायाधीश चांदीवाल ने सिंह पर कमिटी के सामने अनुपस्थित रहने के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और तीन दिनो के भीतर इस जुर्माने के पैसों को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोविड निधि में जमा करने को कहा है. इसके अलावा इस मामले में अगली सुनवाई और सिंह को उपस्थित रहने के लिए आखिरी मौका 25 अगस्त को दिया गया है.
आपको बता दें, इससे पहले भी परमबीर सिंह को चांदीवाल कमिटी ने समन कर कमिटी के सामने उपस्थित रहने के लिए जून के महीने में कहा था. उस समय भी सिंह कमिटी के सामने नहीं आए थे तब कमिटी ने उनपर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
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