बोस ने नागरिकता संशोधन कानून की प्रशंसा की लेकिन कहा कि कुछ बदलाव करने होंगे ताकि किसी भी पीड़ित को नागरिकता दी जा सके, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. उन्होंने कहा, ‘‘मैं बीजेपी के मंच का इस्तेमाल करके धर्मनिरपेक्षता और समावेश के सिद्धांतों को फैलाना चाहता हूं. जब मैंने जनवरी 2016 में भाजपा की सदस्यता ली थी तो मैंने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से कही थी। वे भी इस पर सहमत हुए थे.’’
बोस ने कहा, ‘‘लेकिन अब मुझे लग रहा है कि मैं नेताजी के सिद्धांतों का पालन नहीं कर पा रहा. अगर यह चलता रहा तो मुझे पार्टी में बने रहने पर सोचना होगा. लेकिन मैं नरेंद्र मोदीजी से बात किये बिना कोई फैसला नहीं लूंगा.’’
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