हैदराबाद: साल 2018-19 के लिए मोदी सरकार की बजट से बीजेपी की सहयोगी पार्टी टीडीपी खुश नहीं है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बजट पर अपना बागी तेवर दिखाया है. उन्होंने कहा कि वो बजट से बेहद दुखी हैं और इस लिए उन्होंने रविवार को पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है.
चंद्रबाबू ने कहा कि चुनाव से पहले यह बीजेपी का यह आखिरी बजट था लेकिन इसके बावजूद आम जनता की तरफ इस बजट में ध्यान नहीं दिया गया. इससे पहले शिवसेना भी इस बजट की निंदा कर चुकी है. शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि यह बजट चुनाव के लिए तैयार किया गया है. किसानों की बात ढ़कोसला है.
टीडीपी के नेता वाईएस चौधरी ने कहा, "नायडू इस बात से बेहद नाराज हैं कि वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश की जरूरतों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया."
उन्होंने कहा कि जेटली ने राज्य की जरुरतों पर कोई बात नहीं की और न ही अमरावती को राजधानी बनाने और मेट्रो चलाने के लिए स्पेशल फंड की कोई घोषणा की. बता दें कि वाईएस चौधरी राज्यसभा सांसद हैं और केन्द्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री हैं.
चौधरी ने कहा, "पार्टी इस बार के बजट से बेहद नाराज और दुखी है. इस बजट में आंध्र प्रदेश की जरुरतों जैसे कि अमरावती को राजधानी बनाने के लिए फंड, पोलावरम प्रोजेक्ट, रेलवे जोन इसमें से किसी को भी जगह नहीं दी गई."
उन्होंने कहा कि वो बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और सूबे के हिस्से के लिए लड़ेंगे. चौधरी ने जोर दे कर कहा कि 2019 के चुनाव तक पार्टी अपने हिस्से के लिए केन्द्र पर दबाव बनाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से राज्य में कई सारी परियोजनाएं अटकी पड़ी हुई हैं लेकिन केन्द्र सरकार कोई पैसा नहीं दे रही है. इस बजट में भी हमें निराशा ही हाथ लगी.
टीडीपी के राम मोहन नायडू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कई बार अपनी मांगों को लेकर दिल्ली का दौरा किया लेकिन अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण उनकी एक भी मांगो का जिक्र नहीं किया. हालांकि, मुख्यमंत्री ने इन मुद्दों की चर्चा करने के लिए आपात बैठक बुलाई है.
बता दें कि टीडीपी 2014 से ही आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रही है. कई मुद्दों को लेकर टीडीपी का बीजेपी के साथ मनमुटाव है. राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर टीडीपी ने विपक्षी पार्टियों का साथ दिया था जबकि टीडीपी एनडीए में बीजेपी की सहयोगी है.