Chandrashekhar Azad News: क्या चंद्रशेखर आजाद ने किया राहुल-अखिलेश को मजबूर, बदलना बड़ा ये प्लान?
Chandrashekhar Azad on INDIA Alliance: चंद्रशेखर आजाद नगीना लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर पहली बार संसद के दरवाजे तक पहुंचे हैं. वह लगातार दलित-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के मुद्दे को उठा रहे हैं.
Chandrashekhar Azad News: लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान और आरक्षण का मुद्दा बहुत ज्यादा गरमाया. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे दलों से मिलकर बने इंडिया गठबंधन ने इस मुद्दे को सबसे ज्यादा भुनाया, जिसका फायदा उसे चुनाव में भी देखने को मिला है. राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने लोगों तक इस नैरेटिव को पहुंचा दिया कि बीजेपी की अगर सरकार बनी तो आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. चुनाव के बाद शपथ ग्रहण के दौरान भी गठबंधन नेताओं ने जय संविधान के नारे लगाए.
हालांकि, आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने विपक्ष के संविधान के नारे और उनके जरिए उठाए गए आरक्षण के मुद्दे पर शक जाहिर किया है. उनका कहना है कि वह अब देखना चाहते हैं कि विपक्षी दल संविधान और आरक्षण को लेकर किस तरह की रणनीति पर काम करना चाहते हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर ने बताया कि किस तरह वह सबसे पहले लोगों के बीच संविधान और आरक्षण के मुद्दे को लेकर पहुंचे थे.
रोजगार के लिए लोगों को छोड़ना पड़ रहा घर: चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने बताया कि नगीना में रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों को काम की तलाश में महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में जाना पड़ता है. महिलाओं को ईंट भट्ठों और खेतों में जाकर मजदूरी करनी पड़ती है. वहां पर उन्हें तय समय पर मजदूरी नहीं मिलती है. यौन शोषण का सामना तक करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि नगीना में बाढ़ की बहुत ज्यादा समस्या है. यहां पर कोई भी अच्छा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट नहीं है. किसी भी सत्ता रही है, लेकिन इस दिशा में काम नहीं किया गया.
संविधान को विपक्ष ने बहुत हाथ में उठाया: चंद्रशेखर आजाद
संविधान के बारे में बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "अभी राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे मुद्दे हैं, जैसे प्रमोशन रिजर्वेशन का मामला है, जिस पर कोई बात ही नहीं कर रहा है. विपक्ष के लोगों ने बहुत संविधान को हाथ में उठाया है. अब मैं देखूंगा कि वो बैकलॉग में क्या करेंगे. अब मैं ये भी देखने वाला हूं कि वे जातिगत जनगणना और महिला सशक्तिकरण पर क्या करने वाले हैं. महिलाओं के संरक्षण के लिए क्या किया जाना है, इस पर भी मैं विपक्ष को देखने वाला हूं."
दरअसल, राहुल गांधी और अखिलेश यादव लगातार महिलाओं के मुद्दों को भी आगे रख रहे हैं. वे संविधान के मामले पर पहले से ही सत्तारूढ़ दल को घेरते आए हैं और जातिगत जनगणना की भी जोरशोर से मांग की गई है. ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनका सरोकार दलित और पिछड़ा समाज से है. माना जा रहा है कि जिस तरह से चंद्रशेखर ने इस समाज में पैठ बनाई है. उसे ध्यान में रखते हुए अब राहुल और अखिलेश को भी अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव करना पड़ा है.
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