Chandrashekhar Azad Took Oath: लोकसभा चुनाव में नगीना लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि संसद की सीढ़ियां चढ़ते वक्त उन्होंने कौन सी शपथ ली थी. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनके ऊपर किन लोगों की जिम्मेदारियां हैं.  


चंद्रशेखर आजाद से जब यह पूछा गया कि जब वह संसद में अपने पद की शपथ ले रहे थे तो वे क्या महसूस हो रहे थे . इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुझे वोट तो नगीना की जनता ने दिया है, लेकिन हमारा संगठन 26 से 27 राज्यों में है और बहुत मजबूत है. वह सब लोग अपनी जिम्मेदारी को अदा कर रहे है. वे सब चाहते थे कि मैं जीतूं. 


लोगों की जिम्मेदारियां है मुझपर- चंद्रशेखर आजाद


इन राज्यों की करोड़ों जनता की उम्मीद मुझसे जुड़ी हुई है. उनकी उम्मीदें मुझे इसलिए जुड़ी है, क्योंकि आजादी के 70 साल बाद भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही है. ना ही सम्मान का जीवन मिल रहा है. गांव की औरतों को अपना घर चलाने के लिए भट्टों पर काम करना पड़ता है. मजदूरी करना पड़ता है, महिलाएं ईटों को अपने सिर पर उठाकर ले जाती हैं. इतना ही नहीं वहां महिलाएं यौन शोषण की भी शिकार होती हैं. ना उनकी कोई सुनता है ना सुनवाई होती है, थाना-कचहरी में सत्ताधारियों के लोग दमन करते हैं. इन सभी लोगों की जिम्मेदारियां मुझ पर है. 


संसद के बाहर आकर भी ली शपथ


लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद मैंने एक शपथ पार्लियामेंट में ली और एक शपथ मैनें पार्लियामेंट की सीढ़ियों पर बाहर आकर ली कि मैं महापुरुषों के अधूरे सपने को पूरा करूंगा. मैं कोई गलती नहीं करूंगा ना मैं कोई गलत कदम उठाऊंगा. मैं किसी लालच में नहीं जाऊंगा, मैं किसी सुख सुविधा के बारे में नहीं सोचूंगा. चंद्रशेखर ने कहा कि मैं जमीन पर लेट कर इस आंदोलन को आगे बढ़ाऊंगा और बदलाव लाने के लिए मजबूती से पार्लियामेंट में आवाज उठाऊंगा. मैं पूरी कोशिश करूंगा कि यह मेरे बाद रुके ना, मेरे जाने के बाद भी जो लोग पार्लियामेंट में आए और वह यह आवाज़ उठाएं. 


क्या है नगीना के मुद्दें


नगीना में बेरोजगारी की बात को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार ही नहीं है. लोग कमाई करने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. लोग परेशान है, खास करके महिलाएं की गांव में उनके पास रोजगार चलाने के लिए कोई साधन नहीं है. क्षेत्र में बाढ़ और पशुओं की बहुत बड़ी समस्या है. उन्होंने बताया कि गांव में कोई इंस्टीट्यूशन, कोई अच्छा कॉलेज नहीं है. चंद्रशेखर ने कहा कि किसी की भी सत्ता रही है उन्हें यह सब दिखाई नहीं देता.


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