General Election 2024: जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर लोगों और किसानों की आवाज बनने के तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव के प्रयास को सहयोग देने का भरोसा दिया है.


कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने एक दिन पहले ही हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की थी. राव ने रविवार को ही घोषणा की थी कि वह समाज के विभिन्न वर्गों के साथ और अधिक चर्चा करने के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन करेंगे.


तीसरे मोर्चे को लेकर क्या बोले कुमार?
कुमारस्वामी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि यहां तीसरे मोर्चे का सवाल नहीं है. इस देश के मुद्दों के समाधान के संबंध में राव के अपने विचार हैं. हमने कल लगभग तीन घंटे चर्चा की थी. किसान समुदाय और देश के सात प्रमुख शहरों के बारे में उनके अपने कॉन्सेप्ट हैं और राष्ट्रीय स्तर पर उसको लागू करने की अपनी सोच है.


राव ने किससे मांगा सहयोग?
कुमारस्वामी ने कहा कि राव ने अपने प्रयास में जद (एस) से सहयोग मांगा है. पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पुत्र कुमारस्वामी ने कहा कि एक छोटी पार्टी के रूप में हम जो अनुभव साझा करते हैं, उनके आधार पर, मैंने किसानों और देश के लोगों के मुद्दों के लिए हर प्रकार से सहयोग देने और उनके साथ हाथ मिलाने का भरोसा दिया है.


तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में क्षेत्रीय दल
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस का एक राष्ट्रीय विकल्प मुहैया करने की कोशिश कर रहे राव ने कहा था कि टीआरएस विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा जारी रख कर वैकल्पिक राष्ट्रीय एजेंडे पर आम सहमति पर पहुंचेगी.


'अग्निपरीक्षा हैं आगामी लोकसभा चुनाव'
जनता दल (सेकुलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा है कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी के लिए ‘अग्निपरीक्षा’ की तरह होंगे और इसके परिणामों का उसके राजनीतिक भविष्य पर अगले 20-25 तक असर रहेगा.


पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अपने बेटे और जद (एस) युवा इकाई के प्रमुख निखिल कुमारस्वामी के हाल में दिये गये एक बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. निखिल ने एक तरह से अपने बयान में संकेत दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए आखिरी चुनाव होगा.


दोनों नेताओं ने क्या चर्चा की?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दोनों ने कई बार इस बारे में चर्चा की है कि 2023 का चुनाव हमारे लिए बड़ी चुनौती है और यदि कुछ अनपेक्षित होता है तो इसका पार्टी के भविष्य पर असर पड़ेगा. इसलिए इसे चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए तथा अगले 25 साल के लिए नये पुनर्गठन के साथ पार्टी की मजबूत आधारशिला रखी जानी चाहिए. उनका (निखिल का) बयान उस संदर्भ में था और इसका और कोई मतलब निकालने की कोई जरूरत नहीं है.


जद (एस) के लिए शुरू होना चाहिए नया इतिहास?
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यहां से जद (एस) के लिए अगले 25 साल के लिहाज से नया अध्याय शुरू होना चाहिए. जद (एस) ने अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कुल 224 सीटों में से कम से कम 123 पर जीतने का लक्ष्य तय किया है.


Sonali Phogat Case: सोनाली फोगाट मौत मामले में होगी CBI जांच, गृह मंत्रालय ने की सिफारिश


Cyber Crime: पैसे नहीं, दिल बहलाने की सनक', महिलाओं की प्रोफाइल फोटो के साथ गंदा खेल करता था शख्स