Chandrayaan-3: चांद पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को अब 14 दिन का करना होगा इंतजार? जानिए नया अपडेट
ISRO Chandrayaan-3 Mission: 23 अगस्त को चांद की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद लैंडर और रोवर ने जानकारियां इकट्ठा करना शुरू कर दी थीं इसके बाद अब इन्हें फिर से जगाने के प्रयास जारी हैं.
Mission Moon: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 6 अक्टूबर को अगले चंद्र सूर्यास्त तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को नींद से जगाने की कोशिश जारी रखेगा. चांद की सतह पर सूरज उगने के एक दिन बाद शनिवार को अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने चंद्रय़ान-3 मिशन के बोनस फेस को शुरू किया था. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि इस बारे में कोई समय सीमा नहीं है कि उपकरणों के साथ संपर्क कब बहाल होगा.
उन्होंने कहा, “हम नहीं जानते कि ये कब जागेगा. हो सकता है कि कल या हो सकता है कि ये लूनर डे के आखिरी दिन जागे. हम कोशिश कर रहे हैं. अगर लैंडर और रोवर जाग गए तो ये बड़ी उपलब्धि होगी.”
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी संभावना है कि लैंडर और रोवर एक लूनर डे (पृथ्वी के 14 दिन) और -200 से -250 डिग्री सेल्सियस तक कम तापमान में समय बिताने के बाद निष्क्रिय रहें. लेकिन, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जैसे-जैसे लूनर डे आगे बढ़ेगा और चंद्रमा की सतह पर तापमान बढ़ेगा, इसके जागने की संभावना भी बढ़ेगी.
सिर्फ रोवर के लिए किया गया एक्सपेरिमेंट
इससे पहले, सोमनाथ ने बताया था कि जहां रोवर का परीक्षण कम तापमान में जीवित रहने के लिए किया गया है, वहीं लैंडर विक्रम के लिए ऐसा नहीं किया गया है. उन्होंने बताया था, “रोवर का पूरी तरह से परीक्षण किया गया है लेकिन प्रज्ञान और विक्रम का बहुत सारा डिज़ाइन एक जैसा है. इसका मतलब यह है कि जो परीक्षण प्रज्ञान के लिए काम आए, वे विक्रम के लिए भी काम करने चाहिए.”
बैटरियों को कर लिया गया था चार्ज
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उपकरण को निष्क्रिय करने से पहले, बैटरियों को पूरी तरह से चार्ज कर दिया गया था और सौर पैनलों को इस तरह से उन्मुख किया गया था कि सूरज उगते ही उन्हें रोशनी मिले. इसके अलावा रिसीवर भी चालू रखा गया था, ताकि अगर उपकरण कम तापमान का सामना करने में सक्षम हों तो उन्हें जगाया जा सके और अगले 14 दिनों के लिए अतिरिक्त प्रयोग शुरू किया जा सके.
ये भी पढ़ें: Chandrayaan 3: ‘अगर ऐसा हो गया तो...’ इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने बताया चांद पर कैसे जागेंगे विक्रम और प्रज्ञान