Chandrayaan-2: लैंडर से टूटा इसरो का संपर्क, थोड़ी देर बाद राष्ट्र को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह आठ बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे.
बेंगलुरु: 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर बाद राष्ट्र को संबोधित करेंगे. 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया. सपंर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. चंद्रयान-2 के बारे में अभी जानकारी का इंतजार है. इसरो के कंट्रोल रूम में वैज्ञानिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं. डाटा का अध्ययन अभी जारी है.
इसरो ने ट्वीट करके दी जानकारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट किया, ''माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आज (7 सितंबर 2019) सुबह आठ बजे इसरो के कंट्रोल सेंटर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे.''
पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों से हिम्मत रखने को कहा#ISRO Honorable Prime Minister Shri. Narendra Modi will address the nation from ISRO Control Centre today (September 07, 2019) at 0800 hrs IST.@PMOIndia @narendramodi
— ISRO (@isro) September 6, 2019
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों से हिम्मत रखने को कहा. पीएम ने ISRO चेयरमैन की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि जो किया वो छोटा नहीं था. आपने देश, विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है. मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं. प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, उम्मीद की किरण बाकी है. हर पड़ाव से हम सीखते रहते हैं. देश की सेवा करने को लिए आप सब को बधाई. मैं आपके साथ हूं.
बता दें कि लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. 'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया.
Chandrayaan-2 Landing: 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर से संपर्क टूटा, डाटा का अध्ययन अभी जारी है- ISRO
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