Chandrayaan 3 Finding: 23 अगस्त को इसरो ने लैंडर विक्रम की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग कराई थी. उसके बाद से चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर चहलकदमी कर रहा है. बुधवार (30 अगस्त) को प्रज्ञान का चांद पर 8वां दिन है. इस दौरान चंद्रयान-3 के जरिए इसरो ने बड़ी खोज की है. रोवर प्रज्ञान के पेलोड ने चांद पर ऑक्सीजन और सल्फर समेत अन्य पदार्थों की मौजूदगी का पता लगाया है.


यहां ये जानना जरूरी है कि जीवन की संभावना के लिए ऑक्सीजन की मौजूदगी सबसे जरूरी है. इसके साथ ही रोवर ने चांद की सतह पर तापमान की माप की है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश है. दुनिया का कोई देश इस इलाके में नहीं पहुंच सका है. ऐसे में चंद्रयान-3 से मिलने वाले डेटा पर पूरी दुनिया की नजर है. 


चंद्रयान-3 की खोज पर दुनिया की नजर क्यों?


चंद्रयान-3 से मिलने वाला डेटा क्यों खास है, इसे बारे में बात करते हुए स्पेस साइंटिस्ट टीवी वेंकटेश्वरन ने एएनआई से कहा, चंद्रयान 1, चंद्रयान 2 और अमेरिकी ऑर्बिटर पहले ही रिमोट सेंसिंग के जरिए चांद के इस इलाके में खनिजों की मैपिंग कर चुके हैं, लेकिन ये रिमोट सेंसिंग 100 किमी दूर से की गई है. इसकी पुष्टि के लिए कछ स्थानों पर उतरना होगा. अगर दूर से लिया गया डेटा चांद की सतह पर जुटाए गए डेटा से मैच करता है, तो रिमोट सेंसिंग के डेटा पर विश्वास और बढ़ेगा.


चंद्रयान-3 ने अब तक चांद पर क्या-क्या खोजा?


इसरो ने मंगलवार (29 अगस्त) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए चंद्रयान-3 की अभी तक की खोज के बारे में जानकारी दी थी. चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान के पेलोड ने जिन तत्वों की खोज की है, उनमें- एल्युमिनियम (Al), सल्फर (S), आयरन (Fe), क्रोमिशियम (Cr), टाइटेनियम (Ti), मैगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O) शामिल हैं.


इसके साथ ही चंद्रयान-3 हाइड्रोजन की तलाश कर रहा है. खास बात ये है कि अगर ऑक्सीजन के बाद चांद पर हाइड्रोजन भी खोज लिया जाता है, तो ये चांद पर पानी की खोज की दिशा में बड़ा कदम होगा.


चांद का तापमान


चंद्रयान-3 मिशन की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तापमान को मापना है. रोवर ने मिशन के दौरान लैंडर को जो डेटा भेजा है, उसके आधार पर इसरो ने 27 अगस्त को चांद के तापमान का ग्राफ जारी किया था. 


इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह से 8 सेंटीमीटर की गहराई पर विभिन्न तापमानों का अध्ययन किया है. सतह पर और उसके नीचे के बीच तापमान का अंतर हैरान करने वाला है. इसरो से जारी डेटा के मुताबिक, चांद की सतह पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है, जबकि 8 सेंटीमीटर गहराई में ये शून्य से भी 10 डिग्री नीचे (माइनस 10) रिकॉर्ड हुआ. यानी 8 सेंटीमीटर के अंतर पर तापमान में 60 डिग्री सेल्सियस का अंतर पहुंच गया.


4 मीटर गोलाई का गड्ढा


इसरो ने एक्स पर बताया कि जब प्रज्ञान रोवर प्रयोगों को अंजाम देने के लिए चंद्रमा की सतह पर घूम रहा था, तो उसे 4-मीटर व्यास वाला गड्ढा मिला, जो रोवर के स्थान से 3 मीटर आगे था. इसके बाद प्रज्ञान को एक नये रास्ते पर जाने का निर्देश दिया गया. चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव ऐसे गड्ढों से भरा पड़ा है. कई गड्ढे तो इतने गहरे हैं कि उनमें कभी सूरज की रोशनी ही नहीं पहुंची.


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