Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान चांद पर चहलकदमी करते हुए डेटा जुटा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की नजर रोवर के हर कदम पर बनी हुई है. इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार (26 अगस्त) को कहा कि उनकी टीम अगले दो सप्ताह के लिए उत्साहित है.


एएनआई के मुताबिक इसरो प्रमुख ने कहा, "वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्येश्य अब पूरे होने जा रहे हैं. लैंडर और रोवर सभी चालू हैं. मैं समझता हूं कि सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे दिख रहे हैं.  हम अगले 14 दिन चांद से मिलने वाले बहुत से डेटा का अध्ययन जारी रखेंगे. हमें उम्मीद है कि विज्ञान के लिए वास्तव में अच्छी सफलता हासिल करेंगे. इसलिए हम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित हैं."


इसरो चीफ ने पीएम मोदी के दौरे पर जताई खुशी


इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और पीएम मोदी के बेंगलुरु स्थित इसरो के कंट्रोल सेंटर पहुंचने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से हम बेहद खुश हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु पहुंचकर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी थी. इसरो के केंद्र पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत किया गया था. उन्होंने देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 में शामिल इसरो के वैज्ञानिकों की टीम से मुलाकात की. साथ ही पीएम मोदी महिला वैज्ञानिकों से अलग भी मिले थे. उन्होंने चंद्रयान-3 अभियान में महिला वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना की थी.


चंद्रयान-3 ने तीन में से दो मकसद किए पूरे


इसके पहले शनिवार को इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 ने अपने तीन में से दो मकसद पूरे कर लिए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इसरो के हैंडल से लिखा गया कि "चंद्रयान-3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन पूरा हुआ. रोवर ने चंद्रमा पर घूमने का प्रदर्शन पूरा किया. अब इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन चल रहा है. सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं." 






भारत ने चांद पर उतरकर रचा इतिहास


23 अगस्त (बुधवार) की शाम को चंद्रमा के अब तक अज्ञात रहे दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत ने इतिहास रच दिया. इसके साथ ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया और चांद पर सफल लैंडिंग करने वाला अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन के बाद चौथा देश बना.


चंद्रयान-3 के लैंडिंग के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में थे और वे वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे. इसके बाद वे ग्रीस गए थे. शनिवार सुबह ग्रीस से लौटने पर प्रधानमंत्री मोदी का विमान नई दिल्ली की जगह सीधे बेंगलुरु पहुंचा था और वे इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग और नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स पहुंचे थे, जहां उन्होंने चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से मुलाकात की.


इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी का स्वागत किया, जिन्होंने उनकी पीठ थपथपाई और सफलता के लिए उन्हें गले लगाया. एस सोमनाथ ने पीएम मोदी को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इसरो की 40 दिवसीय यात्रा और परियोजना में किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी दी.


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