Chandrayan-3 Mission: चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैडिंग के बाद से अब तक चांद पर क्या हुआ? 'आधे दिन' में रोवर प्रज्ञान ने खोजी ये चीजें
चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सक्सेसफुल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर अपने सात दिन पूरे कर चुका है. इन सात दिनों में उसने धरती पर कई चीजों की खोज की.

Chandrayan-3 Mission: चंद्रयान-3 मिशन के उस ऐतिहासिक क्षण के सात दिन पूरे हो चुके हैं जब इसरो ने लैंडर विक्रम को सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराया था. इसरो का कहना है, 'चांद की सतह के साऊथ पोल पर लैंड होने के बाद से ही रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर काफी तेजी के साथ जरूरी जानकारियां जुटा रहा है. उसका मिशन कुल 14 दिनों का है.'
रोवर प्रज्ञान के काम करने की जो क्षमता है वह एक चंद्रदिवस है. चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के कुल 14 दिनों के बराबर है, यानी रोवर प्रज्ञान चांद पर आधा दिन पूरा कर चुका है. इसरो वैज्ञानिकों की मानें तो प्रज्ञान की रेस समय से है. उन्होंने बताया कि रोवर प्रज्ञान उनके साथ वह सभी जरूरी जानकारियां साझा कर रहा है जो उसके लिए जरूरी है.
'चांद पर गढ्ढे हैं, जहां अटक गया था रोवर प्रज्ञान'
इसरो ने सोमवार (28 अगस्त 2023) को बताया था कि प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर चलते समय चार मीटर के एक गड्ढे पर फंस गया था जिसके बाद उसको पीछे करके नए रास्ते पर लेकर जाया गया जोकि अब सुरक्षित रूप से एक नये रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे चेस्ट डिवाइस से चंद्रमा की सतह पर एक ग्राफ भी जारी किया.
इसरो के मुताबिक, चंद्र सरफेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्रमा की सतह के तापमान को समझने के लिए दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का तापमान मापा था. इसरो ने कहा, 'पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा हुआ है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है.'
क्या रहा बीते सात दिनों का हासिल?
सॉफ्ट लैंडिंग के कुछ घंटों बाद विक्रम और प्रज्ञान ने अपना काम शुरू कर दिया. विक्रम लैंडर ने जहां प्रज्ञान रोवर के उतरते हुए अपनी पहली तस्वीर शेयर की तो वहीं प्रज्ञान ने भी अपने चारों ओर की तस्वीरें शेयर करनी शुरू कर दी. यह वह धरती पर इसरो के साथ संपर्क स्थापित करने के बाद कर रहा था. इसके साथ ही इसरो कमांड सेंटर ने प्रज्ञान का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया.
प्रज्ञान भविष्य के चंद्र मिशन के बारे में पता लगाने के लिए काम कर रहा है. इसके मुताबिक यहां पर तापमान की स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा करना हो या फिर दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज हो ये सब प्रज्ञान लगातार कर रहा है. इसके साथ ही वह इसरो कमांड सेंटर को हर तरह की जानकारी मुहैया करा रहा है.
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