(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chandrayaan 3 Missions: चांद के कितने करीब गई दुनिया, अब तक किन-किन देशों ने किए मिशन?
Chandrayaan 3: भारत का मून मिशन यानी चंद्रयान-3 बुधवार (23 अगस्त) शाम 6.04 बजे चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए तैयार है. जानिए इससे पहले कौन से देश कर चुके हैं मून मिशन?
Moon Missions Success Rate: अब तक अमेरिका, चीन और रूस ने चांद पर सफल लैंडिग की है, लेकिन अगर आज (23 अगस्त 2023) भारत चांद पर लैंडिंग करता है तो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा. भारत ने इससे पहले दो मून मिशन भेजे हैं. 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान 1 मिशन को लॉन्च किया गया था.
इसके बाद 22 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया. हालांकि ये मिशन सफल नहीं हो सका. भारत के पड़ोसी चीन ने चांग-ए 1 को 2007 में चांद पर भेजा. 23 नवंबर 2020 को चीन ने चांग-ए 5 लॉन्च किया.
रूस का लूना प्रोग्राम
दुनिया भर में अब तक कई मून मिशन हुए हैं. सबसे पहले रूस ने लूना-2 को चांद की सतह पर उतारा. लूना-2 एक इम्पैक्टर मिशन था यानी चांद की सतह पर इसकी हार्ड लैंडिग हुई थी. हालांकि, पहले इससे 4 जनवरी, 1959 को लूना-1 भी लॉन्च किया गया.
लूना-1 चांद के नजदीक पहुंचने वाला पहला मिशन बना, लेकिन ये चांद की सतह पर उतरने में कामयाब नहीं हो सका, क्योंकि लूना-1 की एंट्री चांद की ऑर्बिट में फेल हो गयी और ये सूर्य की ऑर्बिट में चला गया. 3 फरवरी, 1966 को लूना-9 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन बना.
चंद्रमा की कक्षा में जाने वाला पहला मानव मिशन
24 दिसंबर 1968 को नासा ने अपोलो 8 मिशन लॉन्च किया. चंद्रमा की कक्षा का चक्कर काटने वाला पहला मानव मिशन बना. इसके बाद अपोलो 9 और अपोलो 10 लॉन्च किया गया जो असफल रहे. 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 लॉन्च किया गया. इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे गए. अपोलो 11 के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने.
अपोलो 13- ‘सक्सेसफुल फेलियर’
11 अप्रैल 1970 को नासा ने अपोलो 13 लॉन्च किया. अपोलो 13 मिशन चांद की सतह पर इंसानों को उतारने का तीसरा प्रयास था, लेकिन सर्विस मॉड्यूल ऑक्सीजन टैंक के फटने के बाद मिशन को रोकना पड़ा. इस मिशन में अंतरिक्ष यान चांद के नजदीक से गुजरा. ऑक्सीजन की कमी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों धरती पर वापस आना पड़ा. काफी मश्क्कत के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली गई, इस वजह से ही इस मिशन को 'सक्सेसफुल फेलियर' यानी सफल विफलता कहा जाता है.
31 जनवरी 1971 को नासा के अपोलो 14 लॉन्च किया गया. इसमें मिशन कमांडर एलन बी शेपर्ड जूनियर, लूनर मॉड्यूल पायलट एडगर डी. मिशेल, कमांड मॉड्यूल पायलट स्टुअर्ट ए. रूसा सवार थे. अपोलो 14 के मिशन कमांडर एलन शेपर्ड ने चांद पर गोल्फ खेलने वाले पहले इंसान बने.
अपोलो 14 के बाद अमेरिका ने अपोलो 15 को चांद पर भेजा. 26 जुलाई, 1971 को अपोलो 15 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया. इसमें मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट, लूनर मॉड्यूल पायलट जेम्स बी. इरविन, कमांड मॉड्यूल पायलट अल्फ्रेड एम. वर्डेन सवार थे. अपोलो 15 के मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट चांद पर जाने वाले सातवें व्यक्ति और चांद पर लूनर रोविंग व्हीकल चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं.
चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन
अपोलो 17 चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन है. इसे 7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था. यूजीन ए. सेर्नन, हैरिसन एच. श्मिट, रोनाल्ड ई. इवांस इस मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे. युजिन सर्नन चांद पर कदम रखने वाले आखिरी इंसान हैं.