Chandrayaan 3 Moon Landing: मिशन मून चंद्रयान-3 को लेकर लोगों में जितनी उत्सुकता है उतनी ही इस बात को लेकर भी है कि चांद पर सबकुछ कैसा होगा क्या वहां भी पृथ्वी की तरह मिट्टी, हवा और पानी होगा? एक सवाल यह भी है कि क्या चांद पर भी पृथ्वी की तरह दिन और रात होते होंगे? तो जवाब है- जी हां बिल्कुल होते हैं, लेकिन फर्क यह है कि वहां एक दिन 24 घंटे का नहीं होता है.


द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चांद पर एक दिन पृथ्वी की तुलना में 29 दिन बड़ा होता है. यहां एक दिन पृथ्वी के 29 दिनों यानी 708.7 घंटे का बड़ा होता है. पृथ्वी के 14 दिन के बराबर का डेटाइम होता है और 14 ही दिन की डेनाइट होती है. चांद जब अपनी कक्षा में 360 डिग्री पर घूमते हुए पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है तो उसको इसमें 29 दिन लगते हैं. ऐसे में पहले एक हिस्सा काफी समय तक पृथ्वी की तरफ रहता है. इसी तरह दूसरा हिस्सा भी काफी समय तक पृथ्वी के सामने रहता है. वहीं, चांद का एक हिस्सा ऐसा भी है जो कभी पृथ्वी का सामना नहीं करता और यहां पर थोड़ा अंधेरा रहता है.


चांद का दक्षिणी ध्रुव बेहद ठंडा
इसके अलावा, चांद पर दिन और रात के तापमान में काफी ज्यादा अंतर होता है. रात के समय चांद पर तापमान बहुत ज्यादा कम हो जाता है और दिन के समय यह बढ़ता जाता है. इसके साथ ही अलग-अलग हिस्सों पर भी स्थिति अलग-अलग होती है. इसका दक्षिणी ध्रुव इतना ज्यादा ठंडा होता है कि पृथ्वी पर रहने वाले के लिए यहां पर जीवित रहना मुश्किल है. 


चांद पर उतरने के बाद क्या होगा?
23 अगस्त को जब चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरेगा तो इसके लैंडर मॉड्यूल के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अलग हो जाएंगे. मतलब जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर लैंड करेगा तो इसकी गोद में बैठा रोवर प्रज्ञान नीचे उतरेगा और स्टडी शुरू करेगा. लैंडिंग के बाद ही असली काम शुरू होगा और प्रज्ञान चांद पर घूमेगा. यहां की मिट्टी समेट अन्य सैंपल कलेक्ट करेगा. 


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