Chandrayaan 3 Moon Landing: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के मिशन चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की नजरें हैं. अब तक चंद्रयान इसरो द्वारा निर्धारित समय के अनुसार चांद की सभी कक्षाओं में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चांद की ओर आगे बढ़ता जा रहा है. सबकुछ ठीक रहा तो 23 अगस्त को चांद पर अपना स्पेसक्राफ्ट उतारकर भारत इतिहास रच देगा और ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. रूस का मिशन लूना-25 असफल होने के बाद पूरी दुनिया मिशन चंद्रयान-3 पर टकटकी लगाए हुए है.
47 साल बाद रूस ने 10 अगस्त को मून मिशन लॉन्च किया था. इसे 21 अगस्त को चांद पर उतरना था, लेकिन उससे एक दिन पहले ही यह क्रैश हो गया. साल 1976 के बाद रूस ने चांद पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजा था. हालांकि, चंद्रयान-3 ऐसी कोई गलती नहीं करने वाला. इसरो के पिछले मिशन मून चंद्रयान-2 की विफलताओं को ध्यान में रखते हुए चंद्रयान-3 में कई बदलाव किए गए हैं. साल 2019 में चंद्रयान-2 चांद पर लैंड नहीं कर पाया था और मिशन फेल हो गया. इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ का भी कहना है कि अगर सारे सेंसर्स और इंजन भी काम करना बंद कर दें तो भी चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करेगा.
किसी देश ने नहीं उतारा साउथ पोल पर रोवर
23 अगस्त की तारीख भारतीयों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए भी बेहद खास है. इस दिन शाम को 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और पूरी दुनिया इतिहास रचते हुए देखेगी. चंद्रयान 3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी. अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा. किसी देश ने अब तक चांद के साउथ पोल पर रोवर नहीं उतारा है इसलिए 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट का इंतजार दुनिया भर के साइंटिस्ट कर रहे हैं.
चांद की तरफ आगे बढ़ रहा चंद्रयान-3
17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग हो गए थे. लैंडर विक्रम चांद की तरफ बढ़ रहा है. लैंडर विक्रम के साथ रोवर प्रज्ञान है जो लैंडिंग के बाद चांद पर स्टडी शुरू करेगा. सैंपल इकट्ठे करेगा और चांद पर तस्वीरें खींचकर इसरो को भेजेगा.