Chandrayaan 3 Moon Landing: चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करने की खबरों को पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा है. जैसे-जैसे 23 अगस्त को लैंडिंग की घड़ी नजदीक आ रही है, लोगों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है. सिर्फ लोग ही नहीं, इसरो (ISRO) के कंट्रोल रूम में बैठे वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स भी उत्साहित हैं. चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी हर जानकारी और कैलकुलेशन को कई बार चेक किया जा रहा है. इस बीच इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने 23 अगस्त को सफल लैंडिंग पर भरोसा जताया है.


लैंडिंग से एक दिन पहले इसरो चीफ ने टाइम्स ऑफ इंडिया कि को बताया, “हम आश्वस्त हैं, क्योंकि अब तक सब कुछ ठीक रहा है और इस मोड़ तक कुछ भी अप्रत्याशित नहीं हुआ है. हमने सभी तैयारियां कर ली हैं और इस चरण तक सभी प्रणालियों ने हमारी आवश्यकता के अनुरूप प्रदर्शन किया है."


उन्होंने आगे बताया कि अब हम कई सिमुलेशन, वेरिफिकेश और सिस्टम के डबल वेरिफिकेशन के साथ लैंडिंग की तैयारी कर रहे हैं. उपकरणों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. 


इसरो के कंट्रोल रूम में उत्साह का माहौल


मंगलवार (22 अगस्त) को इसरो ने मिशन के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विवटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-3 समय के अनुसार आगे बढ़ रहा है. प्रणालियों की नियमित जांच हो रही है, सुचारू संचालन जारी है. इसरो ने कहा कि ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में ऊर्जा और उत्साह का माहौल है.


लैंडर ने भेजीं चांद की नई तस्वीरें


इसके साथ ही इसरो ने लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे’ से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं. स्पेस एजेंसी ने बताया है कि 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार 5.20 बजे से लैंडिंग ऑपरेशन के लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी.


चार साल में चार मून मिशन हुए फेल


इसरो की इस लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर है. ये ऐसे समय में हो रही है, जब हाल ही में रूस के मून मिशन लूना-25 फेल हो गया. साल 2019 से 2023 के बीच चांद पर भेजे गए चार में से तीन मिशन फेल हो चुके हैं. इनमें इजरायल का बेरेशीट, जापान का हकुतो-आर, भारत का चंद्रयान-2 और रूस का लूना-25 विफल रहे. केवल चीन का चांग-5 चांद पर सफल लैंडिंग में कामयाब रहा था.


चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत खास देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा. अभी तक केवल अमेरिका, सोवियत संघ (पूर्व) और चीन ही चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर पाए हैं. भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा.


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