Chandrayaan 3 Landing: क्या है मिशन मून की कामयाबी का फूलप्रूफ प्लान? ISRO चीफ ने बताया कैसे चांद पर जरूर होगी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग
Chandrayaan 3: भारत इतिहास रचने की घड़ी से बस कुछ घंटे ही दूर है. आज इसरो का मून मिशन चंद्रयान 3 चांद के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. इसके लिए इसरो पूरी तरह तैयार है.
![Chandrayaan 3 Landing: क्या है मिशन मून की कामयाबी का फूलप्रूफ प्लान? ISRO चीफ ने बताया कैसे चांद पर जरूर होगी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग Chandrayaan 3 Landing isro chief s somanath says we are ready for soft landing tell about backup plan Chandrayaan 3 Landing: क्या है मिशन मून की कामयाबी का फूलप्रूफ प्लान? ISRO चीफ ने बताया कैसे चांद पर जरूर होगी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/23/b9128dce4021cb61398c3f8807f946cb1692758079048637_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chandrayaan 3 Moon Landing: आज बुधवार (23 अगस्त) के दिन भारत इतिहास रचने के बेहद करीब है. भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है और इस उम्मीद को भरोसा दिया है इसरो के वैज्ञानिकों ने, जो 2019 में चंद्रयान-2 की हार्डलैंडिंग के बाद से ही मिशन को सफल बनाने में लगे हैं. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें विश्वास है कि यह एक सफल मिशन होगा. उन्होंने कहा, हम तैयार हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए इसरो चीफ ने बताया कि ये एक सफल मिशन होगा और ये अतिआत्मविश्वास नहीं है. ये आत्मविश्वास उस काम से आ रहा है जो हमारी (इसरो) टीमों ने चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के बाद मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए किया है.
वैज्ञानिकों ने बनाया बैकअप का भी बैकअप प्लान
इसरो चीफ ने कहा, चार साल एक छोटा समय नहीं है. हमने इसका हर हिस्सा अपने मिशन को बेहतर बनाने और बैकअप प्लान तैयार करने में लगाया है. उन्होंने कहा कि हमने बैकअप प्लान का भी बैकअप तैयार किया है. इस मिशन में अब तक, सब कुछ हमारी योजना के अनुसार ही हुआ है. हमने सिस्टम का कई स्तर पर सत्यापन कर लैंडिंग की तैयारी कर ली है और लैंडर की सेहत बिल्कुल ठीक है.
चंद्रयान-2 की गलतियों को इसरो ने किया दुरुस्त
चंद्रयान-2 के असफल होने से मिले सबक पर इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-2 अंतिम चरण तक ठीक-ठाक चला, लेकिन हम सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाए. हम अधिक स्पीड से उतरे. चंद्रयान-2 के दौरान हमारी एक गलती यह थी कि हमने लैंडिंग स्थल को 500 मीटर x 500 मीटर के सीमित क्षेत्र में रखा.
उन्होंने बताया कि हमने कुछ कमियां पता कर ली थीं जिनका सामना यान को करना पड़ रहा था और जब ऐसा हो रहा था तब हमने उसका समाधान नहीं किया. इससे उतरते समय लैंडर मॉड्यूल नियंत्रण से बाहर हो गया. इस बार हम बेहतर तरीके से तैयार हैं. हमने अपनी पिछली गलतियों से सीखा है और उन गलतियों को सुधार लिया है. इसरो चीफ ने कहा, हम तैयार हैं.
'गलत हुआ तो संभालने के लिए इसरो तैयार'
लैंडिंग के दौरान गड़बड़ी के सवाल पर उन्होंने कहा, हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए. यदि ऐसा होना है, तो सब कुछ गलत हो सकता है और यदि चीजों को हमारे अनुसार चलना है, तो कुछ भी गलत नहीं होगा. सवाल ये होना चाहिए कि अगर कुछ गलत हुआ तो क्या हम स्थिति को संभालने के लिए तैयार हैं? और इसका उत्तर है, हां.
यह भी पढ़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)