Chandrayaan 3 Moon Landing: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) का चंद्रयान-3 चांद के करीब पहुंचता  जा रहा है. इसरो का कहना है कि अगर कुछ गड़बड़ी हो भी जाती हो तो भी चंद्रयान 23 अगस्त को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतर जाएगा. एक एयरोस्पेस साइंटिस्ट ने भी यह बात कही है. वह भी इस मिशन का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 की विफलता को देखते हुए चंद्रयान-3 में कई बदलाव किए गए हैं ताकि यह चांद पर सुरक्षित और सफलातपूर्वक लैंड कर सके.


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के एयरोस्पेस साइंटिस्ट प्रोफेसर राधाकांत पाधी ने कहा कि चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम अपनी स्पीड नियंत्रित नहीं कर सका, जिसकी वजह से वह गिर गया. वह एलगोरिदम फेलियर था, जिसको इस बार ठीक कर लिया गया है. अबकी बार विक्रम लैंडर के पैर काफी मजबूत हैं. प्रोफेसर राधाकांत चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का हिस्सा रह चुके हैं. मून मिशन में बेंगलुरु आईआईएस का एयरोस्पेस डिपार्टमेंट भी शामिल है.


एक्सपर्ट ने कहा, चंद्रयान-2 के समय ओवरकॉन्फिडेंट थे साइंटिस्ट
प्रोफेसर राधाकांत ने यह भी कहा कि साल 2019 के मून मिशन चंद्रयान-2 के दौरान इसरो के साइंटिस्ट ओवरकॉन्फिडेंट थे और चंद्रयान-3  को इस तरह डिजाइन किया गया है कि अगर सबकुछ गड़बड़ भी हो जाए तो भी यह चांद पर लैंड करेगा. वहीं, इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने भी बताया कि अगर लैंडर विक्रम के सारे सेंसर और इंजन ने भी काम करना बंद कर दिया तो भी यह चांद पर सफलतापूर्वक लैंड कर सकेगा. प्रोफेसर राधाकांत ने कहा कि इस बार लैंडर विक्रम को 6 सिगमा बाउंड से डिजाइन किया गया है इसलिए यह पहले से काफी ज्यादा मजबूत है. उन्हें 99.9 प्रतिशत भरोसा है कि चंद्रयान-3 चांद की सहत पर उतरेगा. 


एक्सपर्ट बोले- 99.9% भरोसा, जरूर चांद पर लैंड करेगा चंद्रयान-3
17 अगस्त को चंद्रयान का प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग हो गए थे. अब लैंडर मॉड्यूल अकेले ही चांद की तरफ आगे बढ़ रहा है. लैंडर मॉड्यूल में लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान हैं. 23 अगस्त को जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा तो रोवर प्रज्ञान नीचे उतर जाएगा और फिर चांद पर अपनी स्टडी शुरू करेगा.


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