Chandrayaan 3 Landing: चांद पर पिच, तारीख- 23 अगस्त 2023, कैसे 'T-20' के महामुकाबले में टीम 'ISRO इंडिया' बनाएगी वर्ल्ड रिकॉर्ड
Chandrayaan 3: 14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था और तब से यह निर्धारित समय और कार्यक्रम के अनुसार चांद की तरफ सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है.
Chandrayaan 3 Moon Landing: 23 अगस्त, 2023 को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) चांद की पिच पर T-20 के महामुकाबले में रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार है. बुधवार को इसरो जो इतिहास रचने जा रहा है उसमें 20 मिनट का एक ऐसा दौर आएगा, जो बेहद निर्णायक होगा इसलिए हम इसे टी-20 मैच कह रहे हैं. वह 20 मिनट बेहद खास होंगे, जब चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला होगा. सभी को कल शाम के 6 बजकर 4 मिनट (समय बदल भी सकता है) का बेसब्री से इंतजार है. यह वह समय होगा जब भारत इतिहास रचेगा और इस दौरान 20 मिनट बेहद महत्वपूर्ण होंगे. हिंदुस्तान का चंद्रविजयी अभियान दुनिया लाइव और अनकट देखने वाली है.
14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद मार्क-3 के जरिए चंद्रयान-3 ऑर्बिट में पहुंचा था. 1 अगस्त को इसने चांद की तरफ अपनी 3.84 लाख किलोमीटर की यात्रा शुरू की और 5 अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश किया. इस दौरान, वह चांद की तरफ बढ़ता रहा. 17 अगस्त का दिन बेहद खास था, इस दिन चंद्रयान के प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग हो गए. लैंडर मॉड्यूल विक्रम, रोवर प्रज्ञान को लेकर चांद की तरफ अकेला आगे बढ़ने लगा.
18 अगस्त को डीबूस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हुई और इसकी कक्षा 113 KmX 157 Km तक कम हो गई. 20 अगस्त को डीबूस्टिंग की प्रक्रिया खत्म हो गई. इस वक्त लैंडर विक्रम चांद से 25 किमी की दूरी पर घूम रहा है. इसरो द्वारा तय समय के अनुसार चंद्रयान-3 अब तक के सभी लक्ष्यों को सफलतपूर्वक प्राप्त कर चुका है.
क्या होगा आखिरी 20 मिनट में?
23 अगस्त को जब लैंडर विक्रम चांद की तरफ आगे बढ़ना शुरू करेगा, उस वक्त उसकी गति 1.68 किमी प्रति सेकेंड यानी 6048 प्रति घंटा होगी, जिस स्पीड से प्लेन चलता है, यह उसके 10 गुना ज्यादा है. इसके बाद लैंडर विक्रम की स्पीड धीमी होना शुरू होगी और इस समय वह चांद की सतह की तरफ हॉरिजोंटल (क्षैतिज) होगा. इसे रफ ब्रेकिंग फेज कहा जाता है, जो कि 11 मिनट तक चलेगा, इसके बाद लैंडर विक्रम वर्टिकल होगा, जिसे फाइन ब्रेकिंग फेज कहा जाएगा.
क्या-क्या होगा चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान?
चांद की सतह से 800 मीटर ऊपर होने पर हॉरिजोंटली और वर्टिकली लैंडर की गति जीरो हो जाएगी तो लैंडर विक्रम के होवर चांद पर लैंडिंग के लिए जगह ढूंढेंगे. 150 मीटर की दूरी पर लैंडर विक्रम फिर से होवर को रोकेगा और बेस्ट लैंडिंग साइट देखेगा. इसके बाद यह अपने दो इंजनों और पैरों के साथ लैंड करेगा. जैसे ही लैंडर के पैर चांद की सतह को छुएंगे, इंजन बंद हो जाएंगे और टी-20 मैच खत्म हो जाएगा.
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