Chandrayaan-3 Landing Highlights: 30 किमी की ऊंचाई से 1.68 km प्रति सेकंड की स्पीड से होगी चंद्रयान 3 की लैंडिंग, देश को बेसब्री से इंतजार
Chandrayaan-3 Moon Landing Highlights: 23 अगस्त दिन बुधवार की शाम भारत के लिए खास होने वाली है. इस दिन चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर लैंड करेगा. इसरो ने 14 जुलाई को इसे लॉन्च किया था.
LIVE
![Chandrayaan-3 Landing Highlights: 30 किमी की ऊंचाई से 1.68 km प्रति सेकंड की स्पीड से होगी चंद्रयान 3 की लैंडिंग, देश को बेसब्री से इंतजार Chandrayaan-3 Landing Highlights: 30 किमी की ऊंचाई से 1.68 km प्रति सेकंड की स्पीड से होगी चंद्रयान 3 की लैंडिंग, देश को बेसब्री से इंतजार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/22/082df3c0411516bcd23f7ee8e46c02461692688279864426_original.jpg)
Background
Chandrayaan-3 Mission Highlights: भारत का तीसरा चांद का मिशन चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. विक्रम लैंडर ने दूसरी बार सफलापूर्वक डिबूस्टिंग को पूरा कर लिया है. इसरो ने कहा कि चंद्रमा पर जाने वाला भारतीय अंतरिक्ष यान अब तक सही से काम कर रहा है.
इसरो ने दावा किया कि चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर सही तरीके से लैंड करेगा और लैंडिंग के दिन किसी भी अनहोनी की आशंका नहीं है. इसरो ने बताया कि चंद्रयान -2 के ऑर्बिटर में चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल स्थापित हो गया है. दोनों के बीच संचार भी स्थापित हो गया है.
23 को नहीं तो 27 अगस्त को हो सकती है लैंडिंग
इसरो के अहमदाबाद केंद्र के निदेशक निलेश एम देसाई ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर अपडेट देते हुए कहा कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग से कुछ घंटे पहले निर्णय लिया जाएगा कि लैंडिंग के लिए उचित समय है या नहीं. ये लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा के हालात पर निर्भर करेगा और अगर उस समय कोई भी कारक अनुकूल नहीं लगता है तो फिर 27 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतारा जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हालांकि 23 अगस्त को लैंडिंग में कोई समस्या आनी तो नहीं चाहिए.
चांद के साउथ पोल पर नहीं पहुंचा कोई
चांद के साउथ पोल पर अभी तक कोई नहीं पहुंचा है. चांद के इसी दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को उतरकर खोजबीन करनी है. लैंडिंग के बाद ये इस जगह पर मौजूद खनिजों के बारे में पता लगाएगा और डेटा इसरो के पास भेजेगा.
चंद्रयान-2 मिशन को 2019 में भेजे जाने के समय इसरो प्रमुख रहे के. सिवन ने कहा कि रूस के लूना-25 चंद्र मिशन की नाकामी का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. चंद्रयान-3 मिशन योजना के मुताबिक आगे बढ़ रहा. सॉफ्ट लैंडिंग योजना के अनुसार होगी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार (चंद्रयान-2) के उलट यह (सतह पर उतरने में) सफल रहेगा.
ये भी पढ़ें: Chandrayaan 3: क्या मून पर सोना है... इंसान ने पहली बार कब रखा कदम? चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले जानिए रोचक फैक्ट्स
30 किमी की ऊंचाई से 1.68 किमी प्रति सेकंड की स्पीड से होगी लैंडिंग
इसरो अहमदाबाद के निदेशक नीलेश एम.देसाई ने चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 30 किमी की ऊंचाई से 1.68 किमी प्रति सेकंड की गति से उतरना शुरू करेगा. जब तक यह चंद्रमा की सतह पर टचडाउन पर पहुंचेगा, गति लगभग 0 तक कम हो जाएगी.
सैंड आर्टिस्ट दर्शन पटनायक ने बनाई चंद्रयान-3 मिशन की सैंड आर्ट
Chandrayaan-3 Landing Live: सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की टीम ने 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग से पहले सैंड आर्ट बनाकर शुभकामनाएं दीं.
चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग से पहले ऋषिकेश में हुई गंगा आरती
Chandrayaan-3 Landing Live: 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग से पहले आज उत्तराखंड के ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर हाथों में तिरंगा लेकर गंगा आरती की गई.
Chandrayaan-3 Landing Live: 'चंद्रयान-3 मिशन पूरे देश के लिए गर्व की बात', बोलीं सीएम ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "चंद्रयान-3 मिशन पूरे देश के लिए गर्व की बात है. इसरो की टीम भारत की है. उनकी कड़ी मेहनत देश की प्रगति का प्रमाण है जो लोगों, वैज्ञानिकों और अर्थशास्त्रियों से आई है, न कि किसी राजनीतिक इकाई से. इस मिशन में बंगाल समेत देशभर के वैज्ञानिकों ने काफी योगदान दिया है. मैं उन सभी के प्रयासों की सराहना करती हूं, जिन्होंने भारत के चंद्र अन्वेषण को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की है. चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के करीब पहुंच रहा है, हम सभी को एक साथ खड़े होकर इसकी सफल सॉफ्ट लैंडिंग के लिए जयकार करनी चाहिए."
Chandrayaan-3 Landing Live: लैंडिंग से पहले भोपाल विज्ञान केंद्र में विशेष तैयारियां
भोपाल साइंस सेंटर के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर साकेत सिंह कौरव ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और यह जरूर सफल होगा. चंद्रमा का साउथ पोल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वहां पानी होने की संभावना है. यहां स्क्रीन लगाई गई है, जो चंद्रयान-3 मिशन के बारे में पूरी जानकारी देती है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)