Chandrayaan-3 Launch: देश के तीसरे चंद्र मिशन यानी चंद्रयान-3 लॉन्च होने में कुछ ही घंटे का वक्त बचा है. इस मिशन पर भारत ही नहीं पूरी दुनिया ने टकटकी लगा रखी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह मून मिशन हॉलीवुड मूवी से भी सस्ता है. हॉलीवुड फिल्म मिशन इम्पॉसिबल-7 के बजट के मुकाबले मिशन चंद्रयान-3 का बजट करीब चौगुना कम है. 


मिशन चंद्रयान का कितना है बजट
हॉलीवुड फिल्म मिशन इम्पॉसिबल-7 का बजट 2,386 करोड़ रुपये है तो वहीं मिशन चंद्रयान-3 का बजट 615 करोड़ रुपये है. पिछले मून मिशन के मुकाबले चंद्रयान-3 मिशन ज्यादा शक्तिशाली है. अगर भारत को इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा. मून मिशन में कामयाब देशों की बात की जाए तो रूस ने 3 फरवरी 1966, अमेरिका ने 2 जून 1966 और चीन ने 14 दिसंबर 2013 को सफल मून परीक्षण किया. 


इससे पहले चंद्रयान-2 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था. हालांकि ये मिशन पहले 15 जुलाई 2019 को लॉन्च होना था लेकिन 1 घंटे पहले ही टल गया था. 20 अगस्त 2019 को चंद्रयान कक्षा में स्थापित किया गया तो वहीं 7 सिंतबर 2019 को चांद की सतह पर लैंडिंग के दौरान लैंडर हादसे का शिकार हो गया था. 


मिशन मून की 10 बड़ी बातें



  • चंद्रयान-3 चांद पर यात्रा के लिए भारत का तीसरा अभियान

  • चंद्रयान-2 के 4 साल बाद चांद पर जाने का अभियान

  • आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग

  • बाहुबली रॉकेट LVM-3 चंद्रयान को बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा

  • चंद्रयान-3 का मकसद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग

  • चंद्रयान-2 के मुकाबले चंद्रयान-3 में कई बदलाव

  • 40 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग

  • चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर मौजूद नहीं क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चालू

  •  मिशन कामयाब तो भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश

  • चंद्रयान-3 का बजट सिर्फ 615 करोड़ रु


चांद पर जाने का ही मिशन क्यों?



  • चांद सबसे नजदीकी खगोलीय पिंड

  • पूरे सौरमंडल को समझने में मदद

  • अंतरिक्ष में मिशन के लिए परीक्षण की जगह

  • कई कीमती खनिजों का स्रोत हो सकता है

  • अंतरिक्ष की खोज के लिए स्टेशन बनाना संभव


चंद्रयान-3 में क्या-क्या बदलाव?



  • ऑर्बिटर मौजूद नहीं, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चालू

  • ऑर्बिटर की जगह प्रोपल्शन मॉड्यूल  

  • लैंडर ज्यादा मजबूत

  • बड़े और ज्यादा शक्तिशाली सौर पैनल

  • स्पीड तय करने के लिए अलग से सेंसर  

  • सॉफ्टवेयर की दिक्कत ठीक की गई

  • लैंडर में ज्यादा ईंधन


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