Chandrayaan 3 Launch: देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. ये भारत का तीसरा मून मिशन है. अगर इस बार का यह मिशन सफल होता है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला तीसरा देश होगा जो इस क्लब में शामिल होगा.


इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रयान प्रोजेक्ट को एलवीएम3एम4 रॉकेट शुक्रवार को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा. इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था. इसरो ने गुरुवार (13 जुलाई) को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'एलवीएम3एम4-चंद्रयान-3 मिशन: कल (शुक्रवार-14 जुलाई) को 14.35 बजे (अपराह्न दो बजकर 35 मिनट) पर किए जाने वाले प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है.


ISRO के चंद्रमा तक पहुंचने के मिशन का घटनाक्रम 



  • 15 अगस्त 2003 : तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की.

  • 22 अक्टूबर 2008: चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.

  • आठ नवंबर 2008: चंद्रयान-1 ने प्रक्षेपवक्र पर स्थापित होने के लिए चंद्र स्थानांतरण परिपथ (लुनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री) में प्रवेश किया.

  • 14 नवंबर 2008:  चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की.

  • 28 अगस्त 2009: इसरो के अनुसार चंद्रयान-1 कार्यक्रम की समाप्ति हुई.

  • 22 जुलाई 2019: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया.

  • 20 अगस्त 2019: चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया.

  • दो सितंबर 2019: चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते वक्त लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया था लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया.

  • 14 जुलाई 2023: चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरेगा.

  • 23/24 अगस्त 2023: इसरो के वैज्ञानिकों ने 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनायी है जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा.


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