ISRO On Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है. यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार (4 अगस्त) को दी.


चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक पूरा किया गया है. एक अगस्त को अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाल दिया गया.






5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा चंद्रयान-3


इसरो के मुताबिक, शनिवार (5 अगस्त) को एक और महत्वपूर्ण प्रयास में अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया पांच अगस्त को शाम करीब सात बजे के लिए निर्धारित है. इसरो ने कहा कि यह प्रयास तब किया जाएगा जब चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे पास होगा. 


इस दिन चंद्रमा की सतह पर कराई जाएगी चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग


इससे पहले इसरो ने कहा था कि वह 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश करेगा. बता दें कि भारत के चंद्रयान कार्यक्रम के तहत 'चंद्रयान-3' तीसरा चंद्र मिशन है. चंद्रयान-2 की तरह ही इसमें विक्रम नामक एक लैंडर और प्रज्ञान नामक एक रोवर शामिल है. सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 की में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी. चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर देशवासियों को भी काफी उम्मीद है.


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