(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chandrayaan-3 Mission: इसरो ने पोस्ट करने के बाद क्यों डिलीट की प्रज्ञान रोवर की तस्वीरें? चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने क्लिक की थी पिक्चर्स
Chandrayaan-3: इसरो ने शुक्रवार (23 अगस्त 2023) को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर की स्थिति को दर्शाने वाली तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद डिलीट कर दिया था.
Chandrayaan-3 Mission: भारत का महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 मिशन बुधवार (23 अगस्त 2023) को सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड हो गया था. इसके बाद शुक्रवार (25 अगस्त 2023) को इसरो ने इस मिशन से जुड़ी तस्वीरों को जारी किया था. जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान एक दूसरे से काफी दूरी पर दिख रहे हैं. बाद में इसरो ने अपने एक्स हैंडल से उन तस्वीरों को डिलीट कर दिया.
डिलीट करने से पहले किए गए ट्वीट में इसरो ने दावा किया था, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने हाई-रिजोल्यूशन कैमरे से इन तस्वीरों को क्लिक किया है. इस समय चंद्रमा के ऑर्बिट पर सिर्फ ये ऑर्बिटर ही ऐसी तस्वीरें क्लिक कर सकता है क्योंकि इसके पास ही इस समय इस धुरी पर इतना हाई तकनीकी का कैमरा है.
हालांकि यह ट्वीट करने के बाद ऑर्बिटर ने यह तस्वीरें डिलीट कर दीं. यह पोस्ट और तस्वीरें क्यों डिलीट की गई हैं इसके बारे में अभी तक हमें कोई जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन ट्वीट डिलीट किए जाने के थोड़ी देर बाद इसरो ने एक और ट्वीट किया जिसमें चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से उतरते हुए दिखाई दे रहा है.
... ... and here is how the Chandrayaan-3 Rover ramped down from the Lander to the Lunar surface. pic.twitter.com/nEU8s1At0W
— ISRO (@isro) August 25, 2023
चंद्रमा की सतह पर कब तक काम करेंगे लैंडर और रोवर?
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के सफलतापूर्वक उतरने के बाद इसरो को उम्मीद है कि इस मिशन की अवधि एक चंद्र दिवस या पृथ्वी के 14 दिन तक सीमित नहीं रहेगी और चांद पर फिर से सूरज निकलने पर यह फिर से एक्टिव हो सकता है.
लैंडर और रोवर के उतरने के बाद, उन पर मौजूद प्रणालियां एक के बाद एक प्रयोग करने के लिए तैयार हैं ताकि उनको पृथ्वी के 14 दिनों के भीतर पूरा किया जा सके. क्योंकि चंद्रमा में जैसे ही सूरज अस्त होगा वहां पर गहरा अंधेरा छा जाएगा और मौसम -180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर एक बार फिर से सूरज उगता है और रोशनी मिलने के बाद लैंडर और रोवर फिर से काम करना शुरू कर सकते हैं.
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