Chandrayaan 3 Moon Landing: भारत के चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने के बाद से ही दुनिया भर में भारत और इसरो की वाहवाही हो रही है. मिशन को लेकर कई तरह की संभावनाएं बताई जा रही हैं. चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो ने इतिहास रच दिया. दुनिया भर की मीडिया ने भारत की इस उपलब्धि को प्रमुखता से जगह दी है. कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भी भारत को बधाई दी है.
चंद्रयान-3 को दक्षिणी ध्रुव पर उतारने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है. इस रिकॉर्ड के लिए इसरो को भी खूब बधाई मिल रही है लेकिन इसरो ने एक और रिकॉर्ड बनाया है. चंद्रयान-3 के लैंडिंग के बाद इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग हुई.
सिर्फ चांद ही नहीं सोशल मीडिया पर भी तोड़ दिए रिकॉर्ड
इस ट्वीट को अबतक 3 करोड़ 90 लाख लोगों ने देखा है. 2.5 लाख लोगों ने रिपोस्ट किया है और ट्वीट को अब तक 7.5 लाख रिएक्शन मिल चुके हैं. इसरो की ऑफिशियल हैंडल की ट्रैफिक अभूतपूर्व है. इससे पहले भी भारत ने मिशन मंगल की सफलता हासिल की थी लेकिन तब भी इस तरह का रिएक्शन नहीं देखा गया था. हालांकि एक पक्ष ये भी है कि तब ट्विटर का चलन आज के मुकाबले कम था.
इसके अलावा इसरो के ऑफिशियल यू-टयूब चैनल पर लैंडिंग की लाइव वीडियों को अब तक 6.9 करोड़ लोगों ने देखा है. वीडियो पर लगभग 1 लाख लोगों ने कमेंट किया है. वहीं फेसबुक के जरिए 77 लाख लोग लैंडिंग के गवाह बने.
लैंडर को छोड़ चांद की सतह पर उतरा रोवर
इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि चंद्रयान 3 का रोवर लैंडर से उतरकर चांद की सतह पर चल रहा है.रोवर के चांद की सतह पर आगे बढ़ने को इसरो भारत का कदम बताता है लेकिन रोवर को चांद की सतह पर उतरने में इतना वक्त क्यों लगा?
चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद पर शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंड किया. लेकिन रोवर को लैंडर से निकलने में घंटो लग गए. जानकारों के मुताबिक, विक्रम लैंडर नीचे उतरने के बाद वहां धूल के बैठने का इंतजार किया जा रहा था.
बीबीसी के मुताबिक, धूल के बैठने के कुछ घंटों के बाद मुफीद माहौल देखकर रोवर चांद की सतह उतर सकता है. रोवर ने लैंडर के एक छोर पर बने रैंप के सहारे नीचे उतरा और चांद की सतह को छूआ, इसके बाद 1 सेंटीमीटर प्रति सेंकेड की रफ्तार से आगे बढ़ेगा.
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