Chandrayaan-3: सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयार चंद्रयान-3, चांद पर उतरने के आखिरी 15 मिनट क्यों हैं भारी?
Chandrayaan-3 Landing: चार साल पहले लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 लैंडिंग से कुछ मिनट पहले ही क्रैश हो गया था. ऐसे में चंद्रयान-3 के लिए भी आखिरी 15 मिनट अहम होने वाले हैं.

Chandrayaan-3 Update: चंद्रयान 3 की लैंडिंग में अब 24 घंटे से भी कम समय बाकी रह गया है. इसके लिए इंडियन स्पेस रिसर्च स्पेस ओर्गानाइजेशन (ISRO) पूरी तरह तैयार है. स्पेसक्राफ्ट को लैंड करवाना सबसे मुश्किल और नाजुक प्रक्रिया है. इसमें आखिर के 15 मिनट सबसे अहम होते हैं.
बता दें कि, चार साल पहले लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट में ही क्रैश हुआ था. ऐसे में इस बार भी इस समय को अहम माना जा रहा है. इन आखिरी 15 मिनट में चंद्रयान कई चरणों से होकर गुजरेगा.
लैंडिंग से पहले कम की जाएगी स्पीड
लैंडिंग के पहले चरण में चंद्रयान की रफ ब्रेकिंग की जाएगी. इस दौरान चंद्रयान की स्पीड कम की जाएगी. यहां चंद्रयान की स्पीड केवल 358 मीटर प्रति सेकेंड रह जाएगी. दूसरे चरण में स्पेसक्राफ्ट का एल्टीट्यूट होल्ड फेज होगा. इस दौरान चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से महज 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा,
समतल जमीन होगी सॉफ्ट लैंडिंग
वहीं, फाइन ब्रेकिंग फेज में चंद्रयान चांद की सतह से लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा और चंद्रयान की स्पीड शून्य हो जाएगी. यह लैंडिंग का तीसरा फेज होगा, जबकि चौथे फेज में चंद्रयान-3 चांद पर समतल जमीन ढूंढकर सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा.
स्पीड कम करना बड़ी चुनौती
आखिरी 15 मिनट की प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती है चंद्रयान-3 की स्पीड कम करना...वो काम करेंगे लैंडर को गति देने वाले थ्रस्टर . लैंडर में चार थ्रस्टर लगे हैं जो उल्टी दिशा में चलेंगे और उन्हीं से चंद्रयान-3 की स्पीड कम होगी.
गति कम करने में काम आएंगे थ्रस्टर
इस संबंध में ऐस्ट्रोफिसिसिस्ट आर सी कपूर का कहना है कि आखिरी पंद्रह मिनट की पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती है चंद्रयान-3 की स्पीड कम करना है. इसकी गति को कम करने लिए लैंडर को गति देने वाले थ्रस्टर काम आएंगे. लैंडर में चार थ्रस्टर लगे हैं, जो उल्टी दिशा में चलेंगे और उन्हीं से चंद्रयान-3 की स्पीड कम होगी.
थ्रस्टर की मदद से होगी स्पीड कंट्रोल
वैज्ञानिक इन थ्रस्टर के जरिए ही लैंडर की स्पीड को कंट्रोल करके इसे लैंड करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि चांद पर कोई वायुमंडल नहीं है, इसलिए लैंडर चांद पर धरती की तरह लैंड नहीं किया जा सकता है.
इस बार मिलेगी सफलता
ISRO के पूर्व प्रमुख के सिवन का कहना है कि इस बार आखिरी पंद्रह मिनट के टेरर से निपटने के मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं. चंद्रयान-3 का पूरा सिस्टम एकदम दुरुस्त है, जिसकी गवाह है उसकी भेजी चांद की ये सबसे नई तस्वीर जिसे इसरो ने जारी किया है. उन्होंने कहा, "इस बार यह शानदार सफलता होगी. चंद्रयान-2 से हमने जो सबक सीखा है. उसके आधार पर सिस्टम ज्यादा मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है."
यह भी पढ़ें- Chandrayaan-3 Landing Live: 'गर्व की बात है...', चंद्रयान 3 की लैंडिंग से पहले बोलीं ममता बनर्जी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

