Chandrayaan 3: मीडिया में खुद को इसरो का वैज्ञानिक होने का दावा कर रहा था शख्स, अब पुलिस कर रही है जांच
Chandrayaan 3 Landing: सूरत के एक व्यक्ति का दावा है कि वह इसरो का एक वैज्ञानिक है और उसने विक्रम लैंडर को विकसित करने में इसरो की मदद की थी.
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Chandrayaan 3 Landed On Moon: चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग के बाद से देशभर में खुशी का माहौल है. कई देशों ने इसे देश की उपलब्धि के तौर पर गिनाया है लेकिन चंद्रयान- 3 से जुड़ा एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. दरअसल गुजरात के सूरत के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे एक ऐसे व्यक्ति की जांच-पड़ताल कर रहे हैं जिसका दावा है कि वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का वैज्ञानिक है.
पुलिस जिस व्यक्ति के दावे की जांच कर रही है उसका नाम मितुल त्रिवेदी है. उसने स्थानीय मीडिया से कहा है कि वह इसरो वैज्ञानिक है और उसने ही चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन के लैंडर मॉड्यूल को डिजाइन किया था. सूरत सिटी पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) हेतल पटेल ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि क्राइम ब्रांच से सूरत पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने मितुल त्रिवेदी के दावों की पुष्टि कर जांच के लिए कहा है.
हेतल पटेल ने बताया कि चांद पर सफल लैंडिंग के बाद से ही मितुल त्रिवेदी स्थानीय मीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं, लेकिन वे इससे जुड़े कोई भी कागजी सबूत पेश नहीं कर पाए हैं. मीडिया से बातचीत में मितुल ने दावा किया है कि वे चंद्रयान 2 मिशन का हिस्सा थे और इसरो ने उन्हें चंद्रयान 3 मिशन में काम करने का मौका दिया. उन्होंने आगे दावा किया कि चंद्रयान 3 मिशन पर काम करने के दौरान उन्होंने शुरूआती डिजाइन में कुछ बदलाव किए, जिसके बाद ही लैंडर सफलतापूर्वक लैंड कर पाया.
इसरो और नासा के लिए फ्रीलांसर होने का दावा
डीएसपी हेतल पटेल ने कहा कि उन्हें पुलिस दफ्तर बुलाया गया था ताकि वे अपनी दावों को साबित कर सकें. डीएसपी हेतल पटेल कहती हैं. उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज या सबूत पेश नहीं किया कि वह इसरो से जुड़े हुए हैं. हमारी जांच में पता चला कि वह बी.कॉम की पढ़ाई कर चुके हैं. जब उनसे वैज्ञानिक होने के उनके दावों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह एक फ्रीलांसर थे और इसरो के बेंगलुरु कार्यालय में चंद्रयान -3 के डिजाइन पर काम किया था. वह नासा के साथ काम करने का भी दावा करते हैं.
हेतल पटेल आगे बताती हैं, "हमारी शुरूआती जांच के मुताबिक वे इसरो के वैज्ञानिक नहीं हैं. आगे की जांच क्राइम ब्रांच करेगी और अगर वे झूठ बोलते पाए गये तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी."
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