Chandrayaan-4 Missions: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (18 सितंबर 2024) को नये चंद्र अभियान चंद्रयान-4 को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों का विकास करना है. एक बयान में कहा गया कि चंद्रयान-4 अभियान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को (वर्ष 2040 तक) चंद्रमा पर उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आधारभूत टेक्नोलॉजी को विकसित करेगा.


कितना खर्च होगा पैसा


केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने/हटने, यान के उतरने, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी, चंद्र नमूना संग्रह और विश्लेषण के लिए आवश्यक प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि चंद्रयान-4 अभियान के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए कुल 2,104.06 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है. 


इसमें कहा गया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार होगा. उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी से इस अभियान को मंजूरी मिलने के 36 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. बयान में कहा गया कि इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित किए जाने की परिकल्पना की गई है.


चंद्रमा पर से नमूने को पृथ्वी पर लाया जाएगा


केंद्रीय मंत्रीमंडल से मंजूरी मिलने के बाद चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाया जाएगा. इसके अलावा मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने भारी वजन ले जाने में सक्षम अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान को मंजूरी दी है. इसके तहत पृथ्वी की निचली कक्षा में 30 टन का पेलोड स्थापित किया जाएगा.


पिछले कई मिशनों के उलट चंद्रयान -4 मिशन में की चुनौतियां हैं. इसमें भारत की ओर से अब तक इस्तेमाल किया गया सबसे शक्तिशाली रॉकेट सिस्टम शामिल होगा. इस मिशन में कई लॉन्च शामिल हैं, जिसके बाद मॉड्यूल को अंतरिक्ष में इकट्ठा किया जाएगा.


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