पाकिस्तान में उन पर हुई जुल्म और टॉर्चर की जो दास्तां उन्होंने बताई है, उसे सुनकर रूह तक कांप जाए. चंदू को पाकिस्तानी सेना ने 21 जनवरी को रिहा कर दिया था. लेकिन पहली बार चंदू इस हालत में आए हैं कि वो अपनी आपबीती सुना पा रहे हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गलती से सीमा पर चले गए भारतीय जवान चंदू बाबूलाल चौहान को पाकिस्तान ने 21 जनवरी को रिहा कर भारत को सौंप दिया. बाद में चंदू को उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया. पाकिस्तान से लौटे चंदू ने वहां की जेल में अपने साथ हुई बर्बरता की जो कहानी सुनाई है वो बेहद खौफनाक है. पाकिस्तान की जेल में ड्रग्स दिया जाता था.