नई दिल्ली: आर्म्स एक्ट में बदलाव के लिए आने वाले संशोधन बिल पर सरकार पीछे हट सकती है. इस बिल पर आज लोकसभा में चर्चा की संभावना थी लेकिन इसे टाल दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक़ बिल के कुछ बिंदुओं पर विवाद के चलते सरकार ने पुनर्विचार का मन बनाया है.



लोकसभा की कार्यवाही सूची से हटाया गया


आर्म्स एक्ट 1959 में बदलाव के लिए संशोधन बिल पिछले हफ़्ते शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया था. सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही सूची में इस बिल पर चर्चा को शामिल किया गया था. चूंकि सोमवार को बिल पर चर्चा नहीं हो सकी लिहाजा इसपर आज चर्चा की संभावना थी. लेकिन लोकसभा की आज की कार्यवाही सूची से बिल को हटा लिया गया है. सरकार और बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बिल के कुछ बिंदुओं पर विरोध को देखते हुए फिलहाल ये फ़ैसला लिया गया है.



किस बिंदु पर है विरोध ?


बिल के एक प्रावधान को लेकर विरोध हो रहा है. बिल में आर्म्स एक्ट के एक अहम प्रावधान में बदलाव का प्रस्ताव है. बिल में देश में किसी भी नागरिक को केवल एक बंदूक या पिस्टल का ही लाइसेंस दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया है. फिलहाल कोई नागरिक 3 बंदूक या पिस्टल का लाइसेंस ले सकता है. बिल में कहा गया है कि जिन लोगों के पास एक से ज़्यादा बंदूक का लाइसेंस है उन्हें एक को छोड़कर सभी बंदूक सरकार या मान्यता प्राप्त डीलर को एक साल के भीतर लौटाना पड़ेगा. जो हथियार नहीं लौटाए जाएंगे उनका लाइसेंस एक साल पूरा होने के बाद 90 दिनों के भीतर खत्म हो जाएगा. बिल का ये प्रावधान पुश्तैनी हथियारों पर भी लागू होगा.



सरकार कर सकती है पुनर्विचार


पुराने रजवाड़ों से जुड़े लोग तो बिल के इस बिंदु के पक्ष में नहीं ही हैं , बीजेपी समेत सभी दलों के कई सांसद भी इसके विरोध में हैं. राजस्थान की राजपूत करनी सेना ने आंदोलन की धमकी दी है वहीं इस प्रावधान को लेकर निशानेबाजी से ताल्लुक़ रखने वाले खिलाड़ियों ने भी चिंता जताई है. अभी ये तो साफ़ नहीं है कि सरकार का अगला कदम क्या होगा लेकिन सरकार के सूत्रों ने ये संकेत ज़रूर दिए कि सरकार बिल के कुछ प्रावधानों पर पुनर्विचार कर सकती है.


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