Citizenship Amendment Act: नए नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत 500 से अधिक पाकिस्तानी हिंदुओं ने हरियाणा में नागरिकता के लिए आवेदन किया था. इसमें से तारिक सहित 30 को हाल ही में नागरिकता मिली है. अन्य की सत्यापन प्रक्रिया जारी है. विभाग के सूत्रों ने बताया कि सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 1500 पाकिस्तान से आएं हिंदू हरियाणा में रह रहे हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश शरणार्थी जो हरियाणा में रहे हैं, वो वे पाकिस्तान के लय्याह से हैं. इसके अलावा कुछ फैसलाबाद और डेरा गाजी खान जिले हैं. इसी बीच नागरिकता पाए लोगों ने पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के बारें में बताया.
'जबरदस्ती नमाज पढ़ाई जाती थी'
पाकिस्तान के लय्या से हरियाणा के रोहतक आए 32 वर्षीय शरणार्थी तारिक ने बताया, 'मेरा नाम तारिक लाल है और मैं एक हिंदू हूं. लेकिन मेरे स्कूल में उन्होंने मेरा नाम मोहम्मद तारिक रखा था. मुझे वहां जबरदस्ती नमाज पढ़ाई जाती थी. एक बच्चे की ड्यूटी रहती थी कि वो देखें कि हम नमाज पढ़ रहे हैं या नहीं.
पाकिस्तान में अपने हालात को लेकर बात करते हुए तारिक लाल ने बताया, 'मैं 2005 में मेरे चार भाई, अपने माता-पिता के साथ, वीजा प्राप्त करने के बाद भारत आ गया था. मैं तब बहुत छोटा था. वहां के हालात बहुत ज्यादा खराब थे. हमारे इलाके के लोग हमारे द्वारा इस्तेमाल किए गए बर्तनों का भी उपयोग नहीं करते थे. जब मैं और मेरे भाई स्कूल जाते थे, तो कुरान एक अनिवार्य विषय था. एक छात्र को विशेष रूप से यह जांचने का काम सौंपा गया था कि क्या हम सभी नमाज पढ़ते हैं; यह अनिवार्य था. उन्होंने स्कूल में मेरा नाम भी तारिक लाल की जगह मोहम्मद तारिक रख दिया था.
'बदलना चाहते थे हमारा धर्म'
तारिक लाल ने आगे बताया कि उनका परिवार पाकिस्तान में खेती करता था, लेकिन एक घटना ने उन्हें 2005 में छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. उन्होंने कह, 'वे चाहते थे कि हम इस्लाम अपना लें, जो हमें स्वीकार्य नहीं था. जब हमने वीजा मिलने के बाद अपनी जमीन बेचने का फैसला किया, तो उन्हें इस बारें में पता चल गया और उन्होंने हमारी जमीन खरीदने से इनकार कर दिया.' तारिक ने कहा, हम इसका केवल एक हिस्सा ही बेचने में कामयाब रहे और बाकी को हम छोड़ कर चले आए.