नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अगले महीने राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में कई सारे बदलाव किए जाने की संभावना है. परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार को घटाया जाएगा, परेड की दूरी कम की जाएगी और पूर्व के वर्षों की तुलना में कम लोगों की मौजूदगी रहेगी. सूत्रों ने बुधवार को इस बारे में बताया.


हर साल भारत राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी सैन्य ताकत, समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक-आर्थिक उन्नति की झांकी पेश करता है. सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड की भव्यता तो बरकरार रहेगी लेकिन महामारी के मद्देनजर टुकड़ियों के आकार को सीमित किया जाएगा. भारत ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया है. एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए समारोह के लिए तैयारियां की जा रही हैं.


25 हजार लोगों को समारोह देखने की दी जायेगी अनुमति


सूत्रों ने बताया कि करीब 25,000 लोगों को समारोह देखने के लिए जाने की अनुमति दी जाएगी और 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. आम तौर पर गणतंत्र दिवस के दौरान करीब एक लाख लोग परेड देखने आते हैं. इसी प्रकार परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार में भी कटौती की जाएगी. अमूमन एक टुकड़ी में 144 कर्मी रहते हैं, लेकिन इस बार 96 सदस्यों की टुकड़ी की ही अनुमति होगी. परेड की दूरी भी कम की जाएगी। यह विजय चौक से शुरू होगी और लाल किला तक जाने के बजाए नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी.


परेड में हिस्सा लेने वाले कर्मियों का बाहरी माहौल से नहीं होगा कोई संपर्क


सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस और सेना दिवस परेडों के लिए 2,000 से ज्यादा सैन्यकर्मी नवंबर के अंतिम दिनों में दिल्ली पहुंच गए और संक्रमण से बाचाव के मद्देनजर उन्हें सुरक्षित माहौल में रखा गया है. उन्होंने बताया कि उन कर्मियों को छावनी इलाके में ‘सेफ बबल’ (संक्रमण से सुरक्षित माहौल) में रखा गया है और परेड में हिस्सा लेने वाले कर्मियों का 26 जनवरी तक बाहरी माहौल से कोई संपर्क नहीं रहेगा.


सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है. भारतीय नौसेना और वायु सेना ने भी इसी तरह की व्यवस्था की है. परेड के लिए वायु सेना की दो टुकड़ियों को चुना गया है और उनमें से एक टुकड़ी इसमें हिस्सा लेगी.


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