नई दिल्ली: लंदन में विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात के दावे से शुरू हंगामे के बीच सीबीआई ने लुकआउट नोटिस में बदलाव पर मानी गलती है. माल्या के नोटिस को हिरासत से बदलकर सिर्फ सूचना देने में बदला गया था. सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि विजय माल्या के खिलाफ 2015 के लुकआउट सर्कुलर में बदलाव करना 'एरर ऑफ जजमेंट' था. उस वक्त बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सवाल उठाए थे.


लुकआउट नोटिस में बदलाव की वजह बताते हुए सीबीआई ने कहा कि उस वक्त माल्या जांच में सहयोग कर रहे थे और उनके खिलाफ कोई वॉरंट नहीं था. तीन साल बाद इस विवाद के फिर से सामने आने के बाद सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 12 अक्टूबर 2015 को जब पहला लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था, माल्या तब विदेश में थे.


माल्या के लौटने पर ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने सीबीआई से पूछा कि क्या माल्या को हिरासत में लिया जाना चाहिए जैसा कि एलओसी में कहा गया है? इस सीबीआई ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह वर्तमान में एक सांसद है और उनके खिलाफ कोई वॉरंट भी नहीं है. सीबीआई ने उस वक्त कहा कि उन्हें सिर्फ माल्या के आने जाने की सूचना चाहिए.


सीबीआई सूत्रों के मुताबिक माल्या के खिलाफ जांच शुरुआती चरण में थी, एजेंसी उस वक्त 900 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्टर मामले में आईडीबीआई से दस्तावेज एकत्रित कर रही थी. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वंबर 2015 के आखिरी हफ्ते में माल्या के खिलाफ एक नया एलओसी जारी किया जिसमें देशभर के तमाम एयरपोर्ट को माल्या के आने जाने की सूचना देने के लिए कहा गया. इस सर्कुलर के जारी होते ही पहले से जारी माल्या को हिरासत में लेने वाला सर्कुलर रद्द हो गया. ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) तब तक किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने या विमान में सवार होने से रोकने की कार्रवाई नहीं करता जब सर्कुलर में ऐसा ना कहा गया हो.


सूत्रों ने कहा कि माल्या ने अक्टूबर में विदेश की यात्रा की और नवंबर में लौट आए, फिर वह दिसंबर के पहले और आखिरी हफ्ते में दो यात्राओं पर गए और उसके बाद जनवरी 2016 में भी एक यात्रा की. इस बीच वह तीन बार पूछताछ के लिए पेश हुए क्योंकि लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए थे. इसमें वह एक बार नई दिल्ली में और दो बार मुंबई में पेश हुए.


सीबीआई ने अब कहा कि नोटिस में बदलाव 'एरर ऑफ जजमेंट' था क्योंकि वह सहयोग कर रहे थे, इसलिए विदेश जाने से रोकने का कोई कारण नहीं बनता था. लुक आउट सर्कुलर को लेकर सीबीआई ने अब गलती मानी है, सर्कुलर में बदलाव को सीबीआई ने 'एरर ऑफ जजमेंट' बताया है. बता दें कि 2 मार्च 2016 को विजय माल्या देश छोड़कर चले गए. बता दें कि इस वक्त माल्या ब्रिटेन में रह रहा है जहां वह भारत सरकार के खिलाफ प्रत्यर्पण का मुकदमा लड़ रहा है.